7th Pay Commission: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मियों को मिलेगा 7वें केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ, बढ़ जाएगी सैलरी
By स्वाति सिंह | Published: October 22, 2019 12:36 PM2019-10-22T12:36:32+5:302019-10-22T12:36:32+5:30
7th Pay Commission: पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। नया केंद्रशासित प्रदेश 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जाएगा।
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों के लिए सभी 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत भत्ते के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले के बाद यह 31 अक्टूबर 2019 से प्रभाव में आएगा।
बता दें कि पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। नया केंद्रशासित प्रदेश 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जाएगा।
Central government has approved the proposal of payment of all 7th Central Pay Commission allowances to the government employees of Union Territory of Jammu and Kashmir and Union Territory of Ladakh, which shall come into existence from 31st October, 2019.
— ANI (@ANI) October 22, 2019
इससे पहले मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों मंहगाई भत्ते में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस ऐलान के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को 12 प्रतिशत के बजाय 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। ख़बरों की मानें तो सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 16 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकाी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 5% की बढ़ोतरी की है, जोकि जुलाई 2019 से लागू की गई है। यह वृद्धि स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है जोकि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों पर आधारित है।
इससे 48 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह कर्मचारियों को दीवाली का तोहफा है। इससे कामकाजी वर्ग को काफी लाभ होगा और 16 हजार करोड़ रूपये का भार पड़ेगा ।