7th Pay Commission: मोदी सरकार के फैसले से इन सरकारी कर्मियों की बल्ले-बल्ले, 4.5 लाख कर्मचारियों की ₹45 हजार महीना तक बढ़ेगी सैलरी
By स्वाति सिंह | Published: October 24, 2019 12:14 PM2019-10-24T12:14:27+5:302019-10-24T12:14:27+5:30
7th Pay Commission: बता दें कि नए केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को 31 अक्टूबर से 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे।
7th Pay Commission: नए केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्र सरकार के फैसले के तहत 7 हजार रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 18,000 रुपये हो जाएगी। कैबिनेट सैक्रेटरी लेवल की अधिकतम सैलरी अब 2.50 लाख रुपये हो गई है। वहीं, 7वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद सचिव स्तर की सैलरी सवा दो लाख रुपए हो गई है। बता दें कि पहले सचिव की सैलरी 180000 रुपए महीना थी। लेकिन अब सचिव की सैलरी में 45 हजार रुपए का इजाफा हुआ है।
इतना ही नहीं बल्कि सरकार के इस फैसले के बाद इंक्रीमेंट पॉलिसी भी बदल जाएगी। फैसले के बाद अब 1 जनवरी और 1 जुलाई को इन्क्रीमेंट मिलेगा। साथ ही कर्मचारियों को घर बनाने के लिए 25 लाख रुपये तक एडवांस भी मिल सकता है और ग्रैच्युटी भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा कर्मचारियों को एक्स-ग्रेशिया 10-20 लाख की जगह 25 से 45 लाख रुपये मिला करेगा।कुल मिलाकर ये कि गृह मंत्रालय के इस फैलसे के बाद नए केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने वाली है।
बता दें कि नए केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को 31 अक्टूबर से 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जरुरी आदेश जारी किए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और भत्ते देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
दोनों केन्द्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आएंगे। इससे फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार के साढ़े चार लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। ये सभी 31 अक्टूबर से केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारी बन जाएंगे। केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।