विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप: फाइनल में पहुंचीं मैरी कॉम, छठे गोल्ड से बस एक जीत हैं दूर
By सुमित राय | Published: November 22, 2018 05:00 PM2018-11-22T17:00:55+5:302018-11-22T17:51:18+5:30
मैरी कॉम ने दिल्ली के आईजी स्टेडियम के केडी जाधव हॉल में चल रहे एआईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं।
पांच बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम दिल्ली के आईजी स्टेडियम के केडी जाधव हॉल में चल रहे एआईबीए विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं और गोल्ड मेडल से बस एक जीत दूर हैं। इससे पहले मैरी कॉम मंगलवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर मेडल पक्का किया था और विमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की सबसे सफल मुक्केबाज बन गई थीं।
नॉर्थ कोरिया की किम हयांग को हराया
तीन बच्चों की मां मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में 48 किलोग्राम फ्लाइवेट कैटेगरी में नॉर्थ कोरिया की ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता किम हयांग मि को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से शिकस्त दी। मैरी कॉम ने कोरियाई खिलाड़ी को 29-28, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 से मात दी। मैरीकॉम ने पिछले साल किम हयांग मि के खिलाफ एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में 5-0 से एकतरफा जीत दर्ज कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
फाइनल में जापानी खिलाड़ी हन्ना ओखोटा से मुकाबला
मैरी कॉम गोल्ड मेडल के लिए अब वह 24 नवंबर को होने वाली खिताबी मुकाबले में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा से भिड़ेंगी, जिन्होंने जापान की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदकधारी मडोका वाडा को सर्वसम्मत फैसले में 5–0 से पराजित किया। मैरी कॉम ने हाल में सितंबर में पोलैंड में हुई सिलेसियान मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा को हराकर फाइनल में प्रवेश कर गोल्ड हासिल किया था।
मैरी कॉम के नाम पांच गोल्ड और एक सिल्वर
मणिपुर की मैरी कॉम इससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में पांच गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। इस दिग्गज महिला मुक्केबाज ने अपना आखिरी मेडल इस इवेंट में 48 किलोग्राम वर्ग में ही साल 2010 में जीता था।
बता दें कि राज्य सभा सांसद और लंदन ओलंपिक 2012 की ब्रॉन्ज मेडल विजेता मैरी कॉम ने इसी साल गोल्डकोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में भी मैरी सोने का तमगा जीत चुकी हैं।