Women World Boxing Championship: मुक्केबाज निकहत जरीन ने रचा इतिहास, जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर बनीं विश्व चैंपियन
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 19, 2022 09:30 PM2022-05-19T21:30:06+5:302022-05-19T21:36:58+5:30
Women's World Boxing Championships: पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन जरीन ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को सेमीफाइनल में हराया था।
Women's World Boxing Championships: भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (52 किग्रा) ने इतिहास रच दिया। जरीन ने थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बन गईं।पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन जरीन ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को सेमीफाइनल में हराया था।
Women's World Boxing Championships | Nikhat Zareen beats Thailand boxer Jitpong Jutamas in 52 Kg weight category to win gold medal.
— ANI (@ANI) May 19, 2022
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तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने थाईलैंड की प्रतिद्वंद्वी को सर्वसम्मत फैसले से हराया। इस जीत के साथ जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले विश्व खिताब जीत चुकी हैं।
BIG BREAKING: India's Nikhat Zareen wins gold at Women's World Boxing Championships, defeats Thai contender in 52 kg final 🥊🇮🇳⭐️ pic.twitter.com/z1JGqSIZl9
— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 19, 2022
जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था। भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं। मैरीकोम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था।
अपनी प्रतिद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाये रखा, जिससे वह 52 किग्रा वर्ग के अंतिम चार मुकाबले में सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं। लेकिन मनीषा को टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक इटली की इरमा टेस्टा से इसी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2019 एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा अपनी दूसरी विश्व चैम्पियनशिप में खेल रही थीं। भारतीय मुक्केबाज ने अपने से तकनीकी रूप से बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी को ताकतवर मुक्कों से पछाड़ने की कोशिश की लेकिन टेस्टा का रक्षण बेहतरीन था।
भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है, जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे। पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौटी थीं जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था जबकि मैरीकॉम ने कांस्य पदक के रूप में आठवां विश्व पदक अपने नाम किया था।