एआईएफएफ ने कहा, चुनाव के संबंध में अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था
By भाषा | Published: November 28, 2020 06:59 PM2020-11-28T18:59:57+5:302020-11-28T18:59:57+5:30
नयी दिल्ली, 28 नवंबर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को डर है कि अगर अगले महीने होने वाली आम सालाना बैठक (एजीएम) के दौरान तदर्थ संस्था को कार्यभार सौंप दिया गया तो उस पर फीफा का निलंबन लग सकता है क्योंकि वह खेल संहिता के अनुसार संविधान नहीं बनने के कारण चुनाव आयोजित करने से बचना चाहता है।
महासंघ में इसकी जानकारी रखने वालों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण बनी परिस्थितियों ने एआईएफएफ को 21 दिसंबर को होने वाली एजीएम के दौरान चुनाव कराने के लिये हतोत्साहित किया है।
प्रफुल्ल पटेल की अगुआई वाली मौजूदा कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है और एआईएफएफ ने घोषणा की है कि एजीएम निर्धारित समय पर ही की जायेगी।
एक सूत्र ने रविवार को पीटीआई से कहा, ‘‘एआईएफएफ संविधान की खेल संहिता के अनुसार पुष्टि नहीं हुई है और कोविड-19 के कारण बन रही परिस्थितियों को देखते हुए एआईएफएफ के पास अदालत में कार्यकाल को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘समिति का कार्यकाल 21 दिसंबर 2020 को खत्म होगा लेकिन राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार संविधान नहीं बनने के कारण एआईएफएफ अगली कार्यकारी समिति गठित करने के लिये चुनाव करने में असमर्थ है। ’’
ऐसे में अगर मौजूदा समिति का कार्यकाल समाप्त होता है और अदालत ‘भारतीय फुटबॉल महासंघ की जिम्मेदारी के लिये तदर्थ प्रशासक नियुक्त कर देता है तो फीफा के भारत को प्रतिबंधित करने की पूरी संभावना है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘इसलिये एआईएफएफ के पास उच्चतम न्यायालय में मौजूदा कार्यकाल को बढ़ाने या जरूरत के अनुसार कोई निर्देश देने की अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
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