Somnath Sethi: 102 मैराथन और हाफ- मैराथन में हिस्सा, दौड़ने का जुनून, जानें इनके बारे में...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2022 09:50 PM2022-10-01T21:50:41+5:302022-10-01T21:52:20+5:30
Somnath Sethi: चंडीगढ़ में आयोजित टफमैन मैराथन में उन्हें 60 से अधिक आयु वर्ग में तीसरा स्थान मिला था। 102वीं मैराथन थी। दौड़ पूरी करने का अनूठा कारनामा कर दिखाया है।
कुरुक्षेत्रः हरियाणा के कुरुक्षेत्र के जाने-माने चिकित्सक 71 वर्षीय सोमनाथ सेठी को दौड़ने और उससे संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के उनके जुनून के लिए जाना जाता है। सेठी ने अब तक 102 मैराथन और हाफ- मैराथन में हिस्सा लिया है और दौड़ पूरी करने का अनूठा कारनामा कर दिखाया है।
पिछले सप्ताह चंडीगढ़ में आयोजित टफमैन मैराथन में उन्हें 60 से अधिक आयु वर्ग में तीसरा स्थान मिला था। यह उनकी 102वीं मैराथन थी। सेठी ने बताया कि उन्होंने अब तक कुल 102 मैराथन में दौड़ लगाई हैं जिसमें 42.2 किलोमीटर वाली 16 पूर्ण मैराथन शामिल हैं जबकि 50 किलोमीटर वाली एक अल्ट्रा मैराथन और 21.1 किलोमीटर वाली 85 हाफ मैराथन में उन्होंने हिस्सा लिया है।
इससे पहले उन्होंने कुरुक्षेत्र में अपनी 100वीं मैराथन पूरी की थी। चिकित्सक का कहना है कि वह हमेशा अपने रोगियों को दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय अपने शारीरिक स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं उनसे कहता हूं यदि स्वस्थ और चुस्त दुरुस्त रहना है तो नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों और दैनिक व्यायाम किया जाए।"
अपनी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए सेठी ने कहा कि वह 15 जनवरी, 2017 को आयोजित स्टैंडर्ड चार्टर्ड मुंबई मैराथन में 65-70 आयु वर्ग में तीसरे स्थान पर रहे थे। उनका कहना है कि उनकी सबसे अच्छी टाइमिंग एक घंटा 55 मिनट में हाफ-मैराथन और चार घंटे 14 मिनट में फुल मैराथन पूरी करना रही है।
चिकित्सक का कहना है कि उनके लिए सबसे यादगार कार्यक्रम बोस्टन और सिंगापुर मैराथन थे। उनका कहना है कि पिछले साल बोस्टन मैराथन में 70-75 साल की उम्र में उन्हें 31वां रैंक मिला था। सेठी हमेशा एक उत्साही धावक, पैदल चाल एथलीट और शारीरिक व्यायाम के दृढ़ समर्थक रहे हैं। वह अपने कॉलेज के दिनों में नियमित रूप से पांच किमी से 10 किमी दौड़ लगाते थे।
उन्होंने कई 'वॉकिंग रेस' में भाग लिया और यहां तक कि उन्हें 'रेस वॉकर' का चैंपियन भी नामित किया गया। सेठी ने 2011 में कुरुक्षेत्र की सड़कों पर दौड़ते समय हुई एक सड़क दुर्घटना की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस हादसे के कारण उनके बाएं पैर और छह पसलियों में फ्रैक्चर हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप वह तीन महीने से अधिक समय के लिए बिस्तर पर पड़े रहे थे।
सेठी की सर्जरी करने वाले चिकित्सक ने उन्हें दौड़ नहीं लगाने की सलाह देते हुए कहा था कि "बिना मदद के चलने में सक्षम होना भी उनके लिए एक चमत्कार होगा।" हालांकि, सेठी ने चिकित्सकीय भविष्यवाणी के आगे झुकने से इनकार कर दिया। जैसे ही वह ठीक हुए उन्होंने सबसे पहले दौड़ने की कोशिश की।
सेठी चिकित्सा संबंधी दर्शनशास्त्र के साथ दौड़ने के अपने जुनून को जोड़ते हैं। उनका मानना है कि दवाओं के समान मैराथन समग्र हैं। चिकित्सक का कहना है कि वह व्यक्तिगत रूप से मानते हैं कि "भगवान ने हमें अपार क्षमता दी है जिसका शायद ही उपयोग किया जाता है"।
वह इस बात की भी वकालत करते हैं कि दौड़ना अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक अनिवार्य हिस्सा है। उनका कहना है कि दौड़ना सरल है, "आपको किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं है, और किसी भी समय यह कर सकते हैं।" चिकित्सक का मानना है कि अगर कोई बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखना चाहता है, तो उसे हासिल करने के लिए मैराथन दौड़ना एक शानदार तरीका है।