Commonwealth Games 2022: सांगली के संकेत ने किया कमाल, 21 साल में 248 किलो वजन उठाकर रजत जीता, जानिए जीतने के बाद क्या कहा
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 30, 2022 04:44 PM2022-07-30T16:44:18+5:302022-07-30T18:04:44+5:30
Commonwealth Games 2022: महाराष्ट्र के बेटे संकेत महादेव सरगर ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पहला पदक जीता। सांकडे ने 55 किग्रा भार वर्ग में जीत हासिल की।
Commonwealth Games 2022: महाराष्ट्र के सांगली जिले के 21 वर्ष के संकेत महादेव सरगर ने धमाल कर दिया। सरगर ने 55 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 248 किलोग्राम के साथ भारत के लिए पहला रजत पदक जीता। सरगर की बहन और पिता ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि उन्होंने कोहनी की चोट के बावजूद देश के लिए रजत पदक जीता है।
संकेत महादेव सरगर ने कहा कि मैं खुश हूं लेकिन मैं खुद से नाराज भी हूं क्योंकि मुझे स्वर्ण पदक जीतना था और मैंने स्वर्ण पदक के लिए तैयारी भी की थी। मैं 4 साल से स्वर्ण पदक के लिए तैयारी कर रहा था और स्वर्ण पदक एक कदम की दूरी पर था। मुझे इस पदक के मिलने पर खुशी है कि ये देश का पहला पदक है।
CWG 2022: Lifter Sanket Sargar opens India's medal count, wins Silver in Men's 55kg category
— ANI Digital (@ani_digital) July 30, 2022
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरुषों के 55 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने के लिए वेटलिफ्टर संकेत सरगर को बधाई दी। सांगली में एक छोटा सा होटल चलाने वाले पिता की आंखें आज गर्व से भर उठीं। संकेत के पदक से पहले भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन में 125 पदक जीते थे, जो निशानेबाजी के बाद सर्वश्रेष्ठ है।
सरगर ने 55 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उनका जन्म महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। महाराष्ट्र के सांगली शहर में एक छोटी सी पान की टपरी (दुकान) से लेकर बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने तक भारोत्तोलक संकेत महादेव सरगर जुझारूपन की ऐसी मिसाल हैं, जिन्होंने साबित कर दिया कि जहां चाह होती है, वहां राह बन ही जाती है।
सुबह साढ़े पांच बजे उठकर ग्राहकों के लिये चाय बनाने के बाद ट्रेनिंग, फिर पढ़ाई और शाम को फिर दुकान से फारिग होकर व्यायामशाला जाना, करीब सात साल तक संकेत की यही दिनचर्या हुआ करती थी। बचपन के कोच मयूर सिंहासने ने कहा ,‘‘ संकेत ने अपना पूरा बचपन कुर्बान कर दिया। सुबह साढ़े पांच बजे उठकर चाय बनाने से रात को व्यायामशाला में अभ्यास तक उसने एक ही सपना देखा था कि भारोत्तोलन में देश का नाम रोशन करे और अपने परिवार को अच्छा जीवन दे। अब उसका सपना सच हो रहा है।’’
PM Narendra Modi congratulates Weightlifter Sanket Sargar for winning a silver medal in Men's 55 kg weightlifting in #CommonwealthGames2022pic.twitter.com/AspIYZ0CDu
— ANI (@ANI) July 30, 2022
सांगली की जिस ‘दिग्विजय व्यायामशाला’ में संकेत ने भारोत्तोलन का ककहरा सीखा था, उसके छात्रों और उनके माता-पिता ने बड़ी स्क्रीन पर संकेत की प्रतिस्पर्धा देखी। यह पदक जीतकर संकेत निर्धन परिवारों से आने वाले कई बच्चों के लिये प्रेरणास्रोत बन गए।
सिंहासने ने कहा ,‘‘ उसके पास टॉप्स में शामिल होने से पहले ना तो कोई प्रायोजक था और ना ही आर्थिक रूप से वह संपन्न था। उसके पिता उधार लेकर उसके खेल का खर्च उठाते और हम उसकी खुराक और अभ्यास का पूरा खयाल रखते । कभी उसके पिता हमें पैसे दे पाते, तो कभी नहीं, लेकिन हमने संकेत के प्रशिक्षण में कभी इसे बाधा नहीं बनने दिया।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे पिता नाना सिंहासने ने 2013 से 2015 तक उसे ट्रेनिंग दी और 2017 से 2021 तक मैंने राष्ट्रमंडल खेल 2022 को लक्ष्य करके ही उसे ट्रेनिंग दी। मुझे पता था कि वह इसमें पदक जरूर जीत सकता है। हमारे यहां गरीब घरों के प्रतिभाशाली बच्चे ही आते हैं और उनमें भी वह विलक्षण प्रतिभाशाली था।’’
Sangli, Maharashtra | "We're very happy that he has won a silver medal for the country despite an elbow injury," says sister and father of Weightlifter Sanket Sargar
— ANI (@ANI) July 30, 2022
Sanket Sargar won a silver medal in Men's 55 kg weightlifting in #CommonwealthGames2022pic.twitter.com/KdXVJw0hay
शिवाजी विश्वविद्यालय कोल्हापुर के छात्र संकेत महादेव सरगर ने कमाल कर दिया। संकेत के साथियों को विश्वास था कि 21 वर्षीय खिलाड़ी पदक का प्रबल दावेदार है। महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले तीन बार के नेशनल चैंपियन हैं, जिनके पिता पान की दुकान चलाते हैं।
#CommonwealthGames | India's Sanket Mahadev Sargar wins a silver medal for India in 55 Kg weight category with a total of 248 Kg. First medal for India in #CWG22pic.twitter.com/1J6sIo8EYH
— ANI (@ANI) July 30, 2022
21 वर्षीय संकेत कोल्हापुर के शिवाजी विद्यालय में इतिहास का छात्र हैं। संकेत के पिता पान की दुकान और एक छोटा सा होटल चलाते हैं। वह 2020 खेलो इंडिया यूथ टूर्नामेंट और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट के चैंपियन हैं। इसके साथ ही उनका 55 किग्रा वर्ग (स्नैच में 108 किग्रा, क्लीन एंड जर्क में 139 किग्रा, कुल 244 किग्रा) में राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
खुद भारोत्तोलक बनने की ख्वाहिश पूरी नहीं कर सके संकेत के पिता महादेव सरगर का कहना है कि उनके जीवन के सारे संघर्ष आज सफल हो गए । उन्होंने सांगली से ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा ,‘मैं खुद खेलना चाहता था, लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण मेरा सपना अधूरा रह गया। मेरे बेटे ने आज मेरे सारे संघर्षों को सफल कर दिया। बस अब पेरिस ओलंपिक पर नजरें हैं।’’
संकेत की छोटी बहन काजल सरगर ने भी इस साल खेलो इंडिया युवा खेलों में महिलाओं के 40 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था । फरवरी 2021 में एनआईएस पटियाला जाने वाले संकेत ने भुवनेश्वर में इस साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।