राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर बायोपिक! जानिए इस 'निशानेबाज' की राजनीति में एंट्री से पहले की जिंदगी के बारे में

By विनीत कुमार | Published: November 21, 2018 03:58 PM2018-11-21T15:58:25+5:302018-11-21T15:58:49+5:30

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

rajyavardhan singh rathore profile who wants karan johar to direct his biopic | राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर बायोपिक! जानिए इस 'निशानेबाज' की राजनीति में एंट्री से पहले की जिंदगी के बारे में

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (फोटो- ट्विटर)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने हाल में एक कार्यक्रम में कहा अगर उनके ऊपर कभी कोई बायोपिक बने तो उसका निर्देशन करन जौहर करें। राठौड़ से बायोपिक को लेकर यह सवाल 49वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के उद्घाटन समारोह में मंगलवार को करण जौहर ने ही पूछा। इस पर राठौड़ ने कहा कि वे यह फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कह सकते कि कलाकार कौन हो जो उनकी भूमिका निभाए लेकिन चाहेंगे कि फिल्म का निर्देशन करण जौहर ही करें।

हाल के दिनों में बायोपिक और खासकर खेल से जुड़े दिग्गजों को लेकर कई कहानियां बड़े पर्दे पर नजर आई हैं। ऐसे में शूटर रहे राठौड़ पर भी फिल्म बने तो ताज्जुब की बात नहीं होगी। राठौड़ फिलहाल खेल की दुनिया से काफी आगे निकलकर राजनीति से जुड़ गये हैं और केंद्र में खेल और युवा मामलों के मंत्री हैं। 

राजनीति से पहले राठौड़ का स्पोर्ट्स में करियर

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने करियर की शुरुआत सेना से जुड़ते हुए की और फिर वे वहीं से संभवत: निशानेबाजी की ओर आकर्षित हुए। राजस्थान के जैसलमेर में 29 जनवरी, 1970 को जन्में राठौड़ की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी सेना से है। उनके पिता कर्नल लक्ष्मण सिंह भी भारतीय सेना से जुड़े हुए थे। 

राठौड़ को बचपन में क्रिकेट का भी काफी शौक रहा। वह रणजी ट्रॉफी के लिए मध्य प्रदेश टीम में चुने गये। राठौड़ उस समय अभी कॉलेज में भी नहीं पहुंचे थे और उनकी मां चाहती थी कि वे पढ़ाई पर ध्यान दें। बहरहाल, राठौड़ का चयन राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी (एनडीए) में हो गया और वे वहां से शिक्षा और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद भारतीय सेना से जुड़ गये।

ओलंपिक में सिल्वर मेडल, कॉमनवेल्थ में गोल्ड

राष्ट्रीय स्तर और दूसरे शूटिंग चैम्पियनशिप में राठौड़ लगातार कमाल कर रहे थे लेकिन पूरी दुनिया ने उनके बारे में सबसे पहले 2004 में जाना। एथेंस में उस साल हुए ओलंपिक खेलों में राठौड़ ने पुरुषों के डबल ट्रैप इवेंट में सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद उसी साल सिडनी में वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में राठौड़ ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

इससे पहले राठौड़ 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतकर अपनी धमक दे चुके थे। बहरहाल, राठौड़ का जलवा एथेंस ओलंपिक के बाद भी कायम रहा और 2006 में मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और फिर उसी साल कायरो में हुए एक और वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड जीत राठौड़ ने पूरी दुनिया में भारतीय निशानेबाजों को एक अलग पहचान दिलाई। राठौड़ के नाम दोहा में 2006 में हुए एशियन गेम्स के व्यक्तिगत स्पर्धा में भी ब्रॉन्ज मेडल है।

राठौड़ को मिल चुके हैं कई सम्मान

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। वह 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स और 2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से ध्वजवाहक भी रहे। राठौड़ के शानदार शूटिंग करियर का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि साल 2002 से 2006 के बीच उन्होंने डबल ट्रैप इवेंट में 25 इंटरनेशनल मेडल जीते।

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