मीराबाई का ओलंपिक रजत भारोत्तोलन के लिये ऑक्सीजन की तरह : मलेश्वरी
By भाषा | Published: August 29, 2021 04:26 PM2021-08-29T16:26:17+5:302021-08-29T16:26:17+5:30
सिडनी ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी का मानना है कि मीराबाई चानू का हाल के तोक्यो ओलंपिक में जीता गया रजत पदक भारतीय भारोत्तोलन के लिये प्राण वायु ‘ऑक्सीजन’ की तरह है और इससे युवा इस खेल से जुड़ने के लिये प्रेरित होंगे।ओलंपिक 2000 में भारोत्तोलन का कांस्य पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी ने इसके साथ ही कहा कि तोक्यो खेलों में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से देश में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। मल्लेश्वरी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मीराबाई (चानू) का पदक 20 साल बाद आया है और इसलिए यह हमारे लिये आक्सीजन की तरह काम कर रहा है। मुझे लगता है कि इस पदक से भविष्य में कई बच्चे प्रेरणा लेंगे और हमारे अधिक पदक आएंगे। ’’तोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन के बारे में मल्लेश्वरी ने कहा, ‘‘हमने सात पदक जीते। हमने अच्छा प्रदर्शन किया और सबसे खुशी की बात यह रही कि नीरज चोपड़ा ने उस एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता जिसमें हम पदक के बारे में भी नहीं सोच रहे थे। ’’उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार, साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण), खेल मंत्रालय से जो सहयोग मिला उसने भी अपनी भूमिका निभायी। सरकार ने ओलंपियन की हर तरह से मदद की। उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं और प्रशिक्षण मुहैया कराया गया और परिणाम हमारे सामने है। ’’ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मल्लेश्वरी ने कहा कि सरकार के सहयोग के कारण ही खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाये और माता पिता अपने बच्चों को खेल को करियर के रूप में अपनाने की अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोग जागरूक हुए हैं। इससे पहले असमंजस की स्थिति रहती थी कि इसे करियर बनाये या नहीं लेकिन आज खिलाड़ी खेलों में शत प्रतिशत करियर बना रहे हैं। ’’मल्लेश्वरी ने कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतने पर आप एक हस्ती बन जाते हो और आप वित्तीय रूप से मजबूत बन जाते हो। अब माता पिता भी समर्थन कर रहे हैं। मुझे भविष्य में भारत में अच्छी खेल संस्कृति के विकास की उम्मीद है और हमारे पास तब अधिक पदक विजेता खिलाड़ी होंगे।
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