लुइस हैमिल्टन ने भारत को बताया 'खराब', फॉर्मूला-1 के नये देशों में आयोजन की नीति पर भी उठाये सवाल
By विनीत कुमार | Published: November 14, 2018 05:22 PM2018-11-14T17:22:49+5:302018-11-14T17:22:49+5:30
पिछले कुछ सालों में फॉर्मूला वन का आयोजन लगातार नये देशों में हो रहा है। हैमिल्टन ने इस नीति को लेकर सवाल उठाये हैं।
नई दिल्ली: फॉर्मूला वन (F1) पहले वियतनाम ग्रैंड प्रिक्स की तैयारियों में जुटा है जिसे 2020 में होनोई में एक सट्रीट सर्किट पर आयोजित किया जाना है। हालांकि, इससे पहले वर्ल्ड चैम्पियन ब्रिटेन के लुइस हैमिल्टन ने एफ-1 को नये देशों में ले जाने की नीति पर सवाल खड़े किये हैं।
साथ ही भारत में 7 साल पहले हुए रेसिंग के अनुभव को भी खराब बताया है। हैमिल्टन ने यह तमाम बातें उन नये आयोजन स्थलों को लेकर कही है जहां फॉर्मूला वन का चलन नहीं है।
बीबीसी के अनुसार हैमिल्टन ने भारत में कुछ साल पहले हुए एफ-1 के अनुभवों को खराब बताते हुए कहा, 'मैं पहले एक रेस के लिए भारत जा चुका हूं जो अजीब था क्योंकि भारत का अनुभव इतना खराब था फिर भी हमारे लिए एक शानदार और सुंदर रेसिंग ट्रैक था। मैं हालांकि जब उस ग्रैंड प्रिक्स में गया तो काफी उलझन में रहा।'
भारत में साल 2011 में इंडियन ग्रैंड प्रिक्स का आयोजन कराया गया था। पिछले ही महीने अपना पांचवां विश्व खिताब जीतने वाले हैमिल्टन ने कहा, 'रेसिंग की बात करें तो मुझे नहीं मालूम कि ऐसे नये देश में जाने का फैसला कितना सही है। अगर आप सिल्वरस्टोन ग्रैंड प्रिक्स या लंदन ग्रैंडप्रिक्स मे जाते हैं वह बिल्कुल अलग बात है।'
बता दें कि पिछले कुछ सालों में फॉर्मूला वन लगातार रेसिंग के पारंपरिक देशों से आगे निकल नये देशों में रेस आयोजित कर रहा है। इसी के तहत चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, अबु-धाबी, बहरीन, रूस, तुर्की जैसे कई देश जुड़े।
हैमिल्टन ने कहा कि ये भी समझ से परे है कि कुछ देशों में केवल एक ही बार रेस आयोजित क्यों हुए। हैमिल्टन ने तुर्की का उदाहरण देते हुए कहा, 'हमने तुर्की में केवल एक ग्रैंड प्रिक्स आयोजित की और शायद की कोई देखने आया। शानदार ट्रैक, शानदार सप्ताह लेकिन कम दर्शक।'
हैमिल्टन ने कहा कि उन देशों में फॉर्मूला वन आयोजित करना ज्यादा बेहतर है जहां पहले से ऐसी परंपरा रही है बजाय इसके कि आप इसे वहां ले जाएं जहां वे इस रेसिंग के बारे में कुछ नहीं जानते।