#KuchPositiveKarteHain: दिल्ली के दिव्यांग बच्चों को खेल से जोड़ने की अनूठी कोशिश
By विनीत कुमार | Published: August 8, 2018 03:18 PM2018-08-08T15:18:28+5:302018-08-08T15:18:28+5:30
आदित्य के अनुसार ऐसे बच्चे अक्सर आत्मविश्वास की कमी से जूझते हैं और खेल का प्लेटफॉर्म उनकी इसी कमी को दूर करने में बड़ी मदद करता है।
'विकलांगता' शब्द के जेहन में आते ही एक ऐसे व्यक्ति की छवि हमारे मन में बनती है, जो दूसरों से दिखने में अलग है या वैसे काम नहीं कर सकता जो बाकी के लोग आसानी से कर सकते हैं। कई बार तो समाज में ऐसे लोगों को 'अक्षम' या 'कमजोर' के तौर पर देखा जाता है। हालांकि, अब समाज की सोच धीरे-धीरे ही सही बदल रही है। इसमें कई लोगों की अहम भूमिका है और ऐसे ही एक उदाहरण हैं- आदित्य और उनकी संस्था उमोया स्पोर्ट्स।
'दिव्यांग' बच्चों को खेल से जोड़ने में जुटा ये ग्रुप दिल्ली और गुरुग्राम में विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक आईटी पेशेवर के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले आदित्य जब काम के दौरान एक पेशेवर खेल प्रबंधन संगठन से जुड़े तो उन्हें महसूस हुआ कि 'दिव्यांग' लोगों को खेल से जुड़ने के लिए तो प्रोत्साहित किया ही नहीं जाता जबकि यह किसी की भी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
निश्चित तौर पर खेल कई सकारात्मक बदलाव हर किसी के जिंदगी में ला सकता है। खेल दोस्ती से लेकर टीमवर्क तो सिखाता ही है साथ ही जिंदगी में चुनौतियों से निपटने की सीख देता है। वेबसाइट 'द लॉजिकल इंडियन' के अनुसार आदित्य की कोशिश भी खेल और इसकी खुशी को 'विशेष बच्चों' की जिंदगी में शामिल करने का है। आदित्य के अनुसार ऐसे बच्चे अक्सर आत्मविश्वास की कमी से जूझते हैं और खेल का प्लेटफॉर्म उनकी इसी कमी को दूर करने में बड़ी मदद करता है।
आदित्य के अनुसार उमोया स्पोर्ट्स अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई अन्य संस्थाओं की मदद लेता रहा है। मसलन- उमोया स्पोर्ट्स इन दिनों विश्वास विद्यालय के साथ मिलकर खेल के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। ऐसे ही आदित्य और उनकी संस्था ने फीफा अंडर-17 के साथ मिलकर विश्वास विद्यालय में MXIM फुटबॉल फेस्टिवल का भी आयोजन किया था।
इस संस्था के बारे में आप और अधिक इस फेसबुक पेज और वेबसाइट से जान सकते हैं।