आईओए से तनातनी के बाद भारतीय तीरंदाजी पर छाया बैन का खतरा, खिलाड़ियों की बढ़ सकती है मुश्किल

By भाषा | Published: December 19, 2018 08:46 PM2018-12-19T20:46:24+5:302018-12-19T20:46:24+5:30

नरिंदर बत्रा ने कहा कि अगर अभी चुनाव होते हैं तो अंतरराष्ट्रीय महासंघ भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द कर देगा।

ioa chief blames aai administrator s y quraishi trying to ruin archery in india | आईओए से तनातनी के बाद भारतीय तीरंदाजी पर छाया बैन का खतरा, खिलाड़ियों की बढ़ सकती है मुश्किल

तीरंदाजी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के प्रभारी प्रशासक के बीच चल रही तनातनी के कारण इस खेल पर प्रतिबंध लगने का खतरा मंडरा रहा है जिससे भारतीय तीरंदाजों के लिये ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना मुश्किल हो जाएगा। 

भारतीय तीरंदाजी संघ के 22 दिसंबर को चुनाव होने हैं लेकिन आईओए इन्हें मान्यता नहीं दे रहा है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा ने तीरंदाजी संघ के प्रभारी प्रशासक एस वाई कुरैशी पर आरोप लगाया कि वह अपने मनमाने रवैये के कारण इस खेल को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। 

बत्रा ने ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में कहा, 'हम तीरंदाजी संघ के चुनावों में अपना पर्यवेक्षक नहीं भेज रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीरंदाजी संघ के प्रशासनिक अधिकारी, जो भारत के चुनाव आयुक्त भी रह चुके हैं, वह गलत तरीके से चुनाव करा रहे हैं।' 

उन्होंने कहा, 'उन्हें (कुरैशी) अदालत ने नियुक्त किया था लेकिन कुरैशी साहब एक सक्रिय कार्यकर्ता-अधिवक्ता (एक्टिविस्ट लायर) के शिकंजे में फंसकर अपना अलग गेम खेल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दे दी है।' 

बत्रा ने कुरैशी पर खेल से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए सवालिया अंदाज में कहा, 'क्या हम यह चाहते हैं कि हमारी तीरंदाजी टीम किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग ही नहीं ले? हम खेल को सुधारने के लिये काम कर रहे हैं या उसे बर्बाद करने के लिये?' 

खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ पर 2012 में खेल संहिता का सम्मान नहीं करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तीरंदाजी संघ ने बाद में खेल संहिता स्वीकार कर ली थी और उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2017 में उसे इसके अनुसार चुनाव कराने के भी आदेश दिये थे। 

खेल मंत्रालय और आईओए दोनों का कहना है कि चुनाव खेल संहिता के अनुसार नहीं हो रहे हैं और इसलिए वे इन्हें मान्यता नहीं देंगे। मंत्रालय और आईओए दोनों ने इस संबध में तीरंदाजी संघ को पत्र भी लिखा था। विश्व तीरंदाजी महासंघ ने भी भारतीय संघ पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। 

बत्रा ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय को आदेश था दिसंबर 2017 में कि ये जो चुनाव हैं वे खेल संहिता के अनुसार होने चाहिए। तीरंदाजी संघ खेल संहिता मानने को तैयार है। लेकिन वह (कुरैशी) सारे उलटे सीधे कानून बनाकर चुनाव करा रहे हैं जिन्हें न तो अंतरराष्ट्रीय महासंघ मान्यता देता है न हम देते हैं।' 

उन्होंने कहा, 'हमें आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) के चार्टर और देश के कानून दोनों का ही सम्मान करना होता है। ओलंपिक चार्टर में महासंघ में स्वायत्ता और स्वतंत्रता महत्वपूर्ण होती है। उसमें आप हस्तक्षेप नहीं कर सकते।' 

बत्रा ने कहा कि अगर अभी चुनाव होते हैं तो अंतरराष्ट्रीय महासंघ भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द कर देगा और ऐसे में भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। उन्होंने कहा, 'अभी चुनाव कराने पर तीरंदाजी संध की मान्यता रद्द हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी महासंघ स्विटजरलैंड में पंजीकृत है हमारी यहां के फैसले उन पर लागू नहीं होते। वे नहीं मानेंगे। वे मान्यता रद्द कर देंगे।' 

आईओए अध्यक्ष ने कुरैशी पर मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगाया। बत्रा ने कहा, 'उनका खेलों से कोई वास्ता नहीं रहा है। वे एक्टिविस्ट बनकर इस खेल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तीरंदाजी संघ ने जब सरकारी दिशानिर्देश स्वीकार कर लिये हैं तो उसके हिसाब से चुनाव करवाने चाहिए। जो दिशानिर्देश हैं उन्हीं के हिसाब से चुनाव होंगे तभी उन्हें मान्यता मिलेगी।' 

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