टोक्यो ओलंपिक में भारत के जेवलिन कोच रहे उवे हॉन की छुट्टी, ओलंपिक से पहले 'सिस्टम' को बताया था खराब
By विनीत कुमार | Published: September 14, 2021 07:59 AM2021-09-14T07:59:22+5:302021-09-14T08:05:22+5:30
एफआई ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भाला फेंक के राष्ट्रीय कोच उवे हॉन से नाता तोड़ दिया है क्योंकि वह उनके प्रदर्शन से खुश नहीं था और वह जल्द ही दो नये विदेशी कोच नियुक्त करेगा।
जर्मनी के महान भाला फेंक एथलीट रहे और भारतीय टीम के कोच उवे हॉन को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने हटा दिया है। हॉन को 2017 में नीरच चोपड़ा सहित कुछ अन्य एथलीट को कोचिंग देने के लिए नियुक्त किया गया था।
हॉन दुनिया में एकमात्र एथलीट भी रहे हैं जिन्होंने 100 मीटर से ज्यादा दूरी तर भाला फेंका है। नीरज चोपड़ा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल 2018 में उनकी निगरानी में ही खेले थे और गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद जर्मनी के ही क्लॉस बार्टोनीज यह भूमिका निभाने लगे थे। हालांकि, टोक्यो ओलंपिक में हॉन ही भारतीय दल के राष्ट्रीय भाला फेंक कोच रहे।
एफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने सोमवार को कहा कि दो दिनों तक कई कोचों और एथलीट के प्रदर्शन की समीक्ष के बाद हॉन को हटाने का फैसला लिया गया है। एएफआई के अनुसार क्लॉस बार्टोनीज अपनी भूमिका जारी रखेंगे।
'उवे हॉन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा'
एएफआई ने कहा है कि वह उवे हॉन के प्रदर्शन से खुश नहीं था। साथ ही एएफआई ने कहा कि वह जल्द ही दो नए विदेशी कोच नियुक्त करेगा।
एएफआई के प्लानिंग कमिशन चीफ ललित के भनोट ने कहा कि नीरज चोपड़ा सहित अन्य एथलीट शिवपाल सिंह और अनु रानी हॉन के साथ ट्रेनिंग नहीं करना चाहते हैं।
शिवपाल और अनु के साथ-साथ डिस्कस थ्रोअर सीमा अंतिल और शॉट पुटर तजिंदर सिंह तूर के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर एएफआई अध्यक्ष ने कहा, 'यह बहुत आसान है। शिवपाल और अनु उवे हॉन के साथ थे। उवे हॉन को घर भेजा जा रहा है। हम तजिंदर तूर के लिए एक विदेशी कोच की भी तलाश कर रहे हैं।'
बता दें कि टोक्यो खेलों से पहले चोपड़ा ने बार्टोनीज के साथ प्रशिक्षण लिया लेकिन उन्होंने हॉन को दो प्रमुख स्वर्ण पदकों के लिए कोचिंग देने का भी श्रेय दिया था।
चोपड़ा ने ओलंपिक गोल्ड जीतने के बाद कहा था, 'मैंने जो समय कोच हॉन के साथ बिताया, मेरा मानना है कि वह अच्छा था और मैं उनका सम्मान करता हूं। उस साल (2018) में मैंने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड जीता था। मुझे लगा कि उनकी (हॉन की) प्रशिक्षण शैली और तकनीक थोड़ी अलग थी। बाद में जब मैंने क्लॉस बार्टोनीज के साथ प्रशिक्षण लिया, तो मुझे लगा कि उनकी प्रशिक्षण योजना मेरे अनुकूल है।'
हॉन के बयान पर मचा था ओलंपिक से पहले विवाद
गौरतलब है कि हॉन ने ओलंपिक से पहले यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और एएफआई ने अनुबंध स्वीकार करने के लिये उन्हें ‘ब्लैकमेल’ किया था। दोनों संस्थाओं ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया था।
हॉन ने साथ ही इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, "जब मैं यहां आया, तो मुझे लगा कि मैं कुछ बदल सकता हूं, लेकिन SAI या AFI में इन लोगों के साथ शायद यह बहुत मुश्किल है। मुझे नहीं पता कि यह ज्ञान की कमी है या अज्ञानता। शिविरों या प्रतियोगिताओं के अलावा जब हम अपने पोषण विशेषज्ञ (nutritionist) से अपने एथलीटों के लिए पूरक आहार मांगते हैं, तब भी हमें सही चीजें नहीं मिलता है। TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) एथलीटों के लिए भी ये नसीब नहीं है। अगर हमें कुछ मिलता है, तो हम बहुत खुश होंगे।'