चोट लगने के बाद रोते हुए पूछा ‘पदक आया या नहीं?’ कोच ने कहा- ‘स्वर्ण है हमारा’, जानें 19 साल के जेरेमी लालरिननुंगा के बारे में, देखें वीडियो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2022 07:41 PM2022-07-31T19:41:23+5:302022-07-31T19:43:16+5:30

CWG 2022: युवा भारोत्तोलक जेरेमी लालरिननुंगा ने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किग्रा (127 किग्रा और 166 किग्रा) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किग्रा (130 किग्रा और 160 किग्रा) को पछाड़ा जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला।

CWG 2022 Indian Army congratulates Naib Subedar Jeremy Lalrinnunga gold medal injury cried Are you a medal or not? coach said, 'Gold is ours' see video | चोट लगने के बाद रोते हुए पूछा ‘पदक आया या नहीं?’ कोच ने कहा- ‘स्वर्ण है हमारा’, जानें 19 साल के जेरेमी लालरिननुंगा के बारे में, देखें वीडियो

क्लीन एवं जर्क में 2021 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में विजेता जेरेमी ने 154 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 160 किग्रा वजन उठाया। (photo-ani)

Highlightsआइजोल के 19 साल के जेरेमी ने कमाल कर दिया।खेलों का स्नैच (140 किग्रा) और कुल भार (300 किग्रा) का रिकॉर्ड अपने नाम किया।प्रतिद्वंद्वी इडिडियोंग पर 10 किग्रा की बड़ी बढ़त बनाई और खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया।

CWG 2022: युवा भारोत्तोलक जेरेमी लालरिननुंगा ने खेलों के दो नए रिकॉर्ड के साथ रविवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता। युवा ओलंपिक 2018 चैंपियन जेरेमी ने पुरुष 67 किग्रा वर्ग में दबदबा बनाते हुए कुल 300 किग्रा (140 किग्रा और 160 किग्रा) वजन उठाया।

जेरेमी ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘‘मुझे पता नहीं था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है। मुझे ऐसा लगा कि मुझे कुछ नहीं दिख रहा और मैं बहुत रोया (असफल प्रयास के बाद)।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी अन्य भारोत्तोलकों का प्रदर्शन नहीं देखता, यह बहुत दर्दनाक था। जोर से रोते हुए मैंने कोच से पूछा ‘पदक आया या नहीं?’ कोच सर ने मुझसे कहा ‘स्वर्ण है हमारा’ और इससे थोड़ी शांति मिली।’’

उन्होंने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किग्रा (127 किग्रा और 166 किग्रा) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किग्रा (130 किग्रा और 160 किग्रा) को पछाड़ा जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला। आइजोल के 19 साल के जेरेमी ने खेलों का स्नैच (140 किग्रा) और कुल भार (300 किग्रा) का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

इस दौरान वह चोटिल होने से भी बचे क्योंकि क्लीन एवं जर्क के प्रयास के दौरान दो बार वह काफी दर्द में दिखे। जेरेमी ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किग्रा वजन उठाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इडिडियोंग पर 10 किग्रा की बड़ी बढ़त बनाई और खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 136 किग्रा के प्रयास के साथ शुरुआत की थी।

जेरेमी ने अंतिम प्रयास में 143 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। वह 141 किग्रा (राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप ताशकंद, दिसंबर 2021) के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार की कोशिश कर रहे थे। क्लीन एवं जर्क में 2021 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में विजेता जेरेमी ने 154 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 160 किग्रा वजन उठाया।

वह अपने अंतिम प्रयास में 165 किग्रा वजन नहीं उठा सके। भारत का भारोत्तोलन में यह पांचवां पदक है। इससे पहले मीराबाई चानू (स्वर्ण), संकेत सरगर (रजत), बिंदियारानी देवी (रजत) और गुरुराज पुजारी (कांस्य) ने शनिवार को पदक जीते। अपनी आदर्श मीराबाई चानू की मौजूदगी में जेरेमी ने स्नैच में अपना दबदबा बनाया लेकिन क्लीन एवं जर्क में कड़ी प्रतिस्पर्धा ने इसे रोमांचक प्रतियोगिता बना दिया। क्लीन एंड जर्क प्रयास के दौरान उन्हें ऐंठन हुई और उनकी जांघ तथा पैर की मांसपेशियों में खिंचाव से चिंता बढ़ी।

इस भारोत्तोलक ने कहा, ‘‘कोच सर (विजय शर्मा) शानदार थे, उन्होंने सभी भारों को प्रबंधित किया और सुनिश्चित किया कि मैं पदक सुरक्षित करूं। ऐसा लगता है कि मैं अब एक अलग दुनिया में हूं और एक सपना जी रहा हूं। युवा ओलंपिक के बाद सीनियर स्तर पर यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता है।’’ डोपिंग के कारण निलंबित किए गए पाकिस्तान के मजबूत प्रतिद्वंद्वी तल्हा तालिब की अनुपस्थिति में जेरेमी को स्नैच में शायद ही किसी तरह की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। उन्होंने क्लीन एवं जर्क से पहले 10 किग्रा की बढ़त बनाई।

क्लीन एवं जर्क में जेरेमी ने पहले 154 किग्रा भार उठाया और उसके बाद 160 किग्रा वजन उठाया। यह उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से छह किग्रा कम था लेकिन खेलों के रिकॉर्ड के लिए पर्याप्त था। अंतिम प्रयास में जेरेमी 165 किग्रा वजन नहीं उठा सका और बोर्ड पर गिर गया लेकिन फिर भी उसके लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी।

समोआ के प्रतिद्वंद्वी ने अपने दूसरे प्रयास में खेलों का रिकॉर्ड 166 किग्रा उठाया लेकिन यह नाकाफी था। आइजोल में 2002 में पैदा हुए जूनियर नेशनल चैंपियन मुक्केबाज लालनेहतलुआंगा के बेटे जेरेमी का खेलों से प्यार होना स्वाभाविक था। अपने ‘पहले प्यार’ मुक्केबाजी से भारोत्तोलन में आने का उन्हें कठिन फैसला करना पड़ा लेकिन सेना खेल संस्थान से जुड़ने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जेरेमी ने कहा, ‘‘मैं अभी भी रिंग में मुक्केबाजी करता हूं और मुझे यह पसंद है लेकिन अपने साथी दोस्तों के जुनून को देखते हुए मैंने भारोत्तोलन को चुना।’’ जेरेमी ने 2016 में विश्व युवा चैंपियनशिप में 56 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था और फिर 2017 की विश्व चैंपियनशिप में एक और रजत अपने नाम किया। बाद में उन्होंने 2018 जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

जेरेमी के लिए असली यात्रा अब शुरू होगी क्योंकि वह 73 किग्रा के ओलंपिक भार वर्ग में उतरने की तैयारी करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब पता है कि यह एक अलग स्तर है। मुझे बहुत सुधार करना है और सबसे कठिन हिस्सा वजन बढ़ाना है। अगर सब कुछ ठीक रहा और मैं चोट मुक्त रहा तो मुझे पेरिस ओलंपिक के लिए वहां होना चाहिए।’’ 

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