एशियन गेम्स: हिमा दास से लेकर मनु भाकर, सिंधु से लेकर दीपा कर्माकर, इन महिला खिलाड़ियों से होंगी मेडल की उम्मीदें
By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 14, 2018 06:31 PM2018-08-14T18:31:50+5:302018-08-14T18:31:50+5:30
Asian Games 2018: एशियन गेम्स 2018 में इस बार भारतीय महिला खिलाड़ियों की नजरें इस बार और भी बेहतरीन प्रदर्शन पर होंगी
इंडोनेशिया में 18 अगस्त से शुरू हो रहे 18वें एशियन गेम्स में भारत की नजरें 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स से बेहतर प्रदर्शन करने पर है। इन एशियाई खेलों में भारत को खासकर अपनी महिला खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें होंगी जिनका भारत के मेडल में योगदान हर एशियन गेम्स के साथ बेहतर होता गया है।
भारत के लिए एशियन गेम्स में पहला गोल्ड मेडल 1970 बैंकॉक एशियन गेम्स में कमालीजित संधू ने 400 मीटर रेस में जीता था। इसके बाद किसी भारतीय महिला खिलाड़ी को एशियन गेम्स जीतने के लिए 16 साल लंबा इंतजार करना पड़ा और 1986 के सियोल ओलंपिक में पीटी ऊषा ने चार गोल्ड मेडल जीतते हुए तहलका मचा दिया।
इसके बाद के एशियन गेम्स में भारत के कुल मेडल में महिला खिलाड़ियों का योगदान लगातार बढ़ता गया, जो भारतीय खेलों में उनके बढ़ते दबदबे का परिचायक है। 2010 ग्वांझू और 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में भारत द्वारा जीते गए कुल 25 गोल्ड में से 10 महिला खिलाड़ियों ने जीते हैं। यहीं नहीं 2002 के बुसान एशियन गेम्स में कुल 11 गोल्ड में से महिला खिलाड़ियों ने 6 गोल्ड जीते थे।
भारत ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में 11 गोल्ड, 9 सिल्वर और 37 ब्रॉन्ज मेडल समेत कुल 57 मेडल जीते थे। भारतीय खिलाड़ियों को जकार्ता एशियन गेम्स 2018 में पिछले बार के प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, विशेषकर महिला खिलाड़ियों से। आइए एक नजर डालें उन भारतीय महिला खिलाड़ियों पर, जिनसे रहेगी इस बार मेडल जीतने की उम्मीद।
हिमा दास: हाल ही में आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में 400 मीटर की रेस में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर विश्व स्तर पर ट्रैक ऐंड फील्ड में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं हिमा से सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी। एशियन गेम्स में हिमा दास 400 मीटर की रेस के अलावा, 4x400 मीटर रिले और 200 मीटर रेस में भी हिस्सा लेंगी। लेकिन गोल्ड जीतने के लिए हिमा को अपना रिकॉर्ड बेहतर करना होगा कि 2014 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली बहरीन की केमी एडिकोयो ने 51.11 सेंकेंड का समय निकाला था।
सीमा पूनिया: स्टार डिस्कस थ्रोअर (चक्का फेंक) सीमा पूनिया ने अपने बेहतरीन करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। 35 वर्षीय सीमा ने चार साल पहले इंचियोन एशियन गेम्स में गोल्ड पर कब्जा जमाया था। इस साल अप्रैल में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतते हुए उन्होंने अपनी तैयारियों का सबूत दे दिया है। उनकी नजरें जकार्ता एशियन गेम्स में एक और गोल्ड जीतने की होगी।
पीवी सिंधु/साइना नेहवाल: बैडमिंटन में भारत ने व्यक्तिगत स्पर्धा का एकमात्र मेडल अब तक 1982 के दिल्ली एशियन गेम्स में जीता है, जब सैयद मोदी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लेकिन अब तक महिला सिंगल्स में भारत को कोई मेडल नहीं मिला है। ऐसे में भारत की दो टॉप स्टार खिलाड़ियों पीवी सिंधु और साइना नेहवाल से इस सूखे को खत्म करने की उम्मीद होगी।
मनु भाकर/हिना सिद्धू: कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद अब 16 वर्षीय निशानेबाज मनु भाकर की नजरें अपने पहले एशियन गेम्स में गोल्ड पर निशाना साधने की होगी। भाकर एशियन गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल, 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट्स में हिस्सा लेंगी। एक और स्टार निशानेबाज हिना सिद्धू भी इन खेलों में पदक की प्रबल दावेदार होंगी।
दीपा कर्माकर: घुटने की चोट की वजह से गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं खेल पाईं दीपा जिमनास्टिक में भारतीय चुनौती पेश करेंगी। रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं दीपा कर्माकर की नजरें एशियाड में भारत को महिला जिमनास्टिक में पहला मेडल दिलाने पर है। दीपा कॉमनवेल्थ में भारत के लिए मेडल जीतने वाली पहली महिला हैं।
दीपिका कुमारी: जून में यूएस में हुए वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतने वाली दीपिका कुमारी तीरंदाजी में भारतीय चुनौती पेश करेंगी। 2010 कॉमनवेल्थ में दो गोल्ड जीतने वालीं दीपिका कुमार ने 2010 के ग्वांझू एशियाड में रिकर्व टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वर्तमान में दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी दीपिका कुमारी की नजरें इस बार गोल्ड जीतने पर होंगी।
साक्षी मलिक/विनेश फोगाट: रेसलिंग में भारतीय महिला खिलाड़ियों में इस बार मेडल की उम्मीदें 2014 के एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज जीतने वाली विनेश फोगाट से होंगी। इसके अलावा रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक भी मेडल जीतने की प्रबल दावेदार होंगी।
महिला हॉकी टीम: हाल ही में हुए वर्ल्ड कप में भले ही भारतीय महिला हॉकी टीम क्वॉर्टर फाइनल में हार गई लेकिन उसकी नजरें इस बार एशियाड में बेहतर प्रदर्शन पर होंगी। भारतीय महिला टीम ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लेकिन इस बार मेडल जीतने के लिए उसे चीन और दक्षिण कोरिया जैसी टीमों की चुनौती से पार पाना होगा।