एशियन गेम्स के पहले दिन बजरंग पूनिया के गोल्ड के अलावा कैसा रहा भारत का प्रदर्शन, जानिए
By भाषा | Published: August 19, 2018 11:22 PM2018-08-19T23:22:56+5:302018-08-20T00:09:40+5:30
निशानेबाजी रेंज पर अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार के दबाव में हासिल किये गये राइफल मिश्रित टीम निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक की मदद से खाता खोला।
जकार्ता/पालेमबांग, 19 अगस्त: पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने कैरियर की ढलान पर खड़े सुशील कुमार की सारी चमक छीनते हुए 18वें एशियाई खेलों में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया जबकि निशानेबाजों की झोली में महज एक कांस्य पदक गिरा।
फॉर्म में चल रहे बजरंग ने 65 किलो वर्ग में पीला तमगा जीता जबकि दो बार के ओलंपिक चैम्पियन सुशील 74 किलो वर्ग के क्वालीफिकेशन मुकाबले में बहरीन के एडम बातिरोव से 3-5 से हारकर एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने का सपना पूरा नहीं कर सके।
बजरंग ने जकार्ता ने पीला तमगा जीता जबकि भारत को पहला पदक 600 किलोमीटर दूर पालेमबांग में चल रही निशानेबाजी स्पर्धा के मिश्रित राइफल वर्ग में अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार ने दिलाया जिन्हें कांस्य पदक मिला।
भारत फिलहाल मेडल टैली में 9वें स्थान पर है। उसके नाम एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज है। चीन 7 गोल्ड समेत 16 पदकों के साथ पहले स्थान पर जबकि जापान 3 गोल्ड समेत 14 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर कोरिया है। उसके नाम 2 गोल्ड समेत 11 मेडल हैं।
मनु भाकर ने किया निराश पर महिला हॉकी शानदार जीत
निशानेबाजी में मनु भाकर और अभिषेक वर्मा पिस्टल टीम स्पर्धा के फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके। जकार्ता में हाकी में भारतीय महिला टीम ने गुरजीत कौर की हैट्रिक के दम पर मेजबान इंडोनेशिया को 8-0 से हराया।
बजरंग राष्ट्रमंडल खेल तबिलिसी ग्रां प्री और यासर डोगु इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीतकर यहां आये थे और उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरे । उन्होंने अपने सारे मुकाबले तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से जीते ।
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी बजरंग को पहले दौर में बाई मिली थी, उन्होंने तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बदौलत सभी तीनों बाउट अपने नाम करते हुए 65 किग्रा वर्ग में दबदबा कायम रखा।
बजरंग ने उज्बेकिस्तान के सिरोजिद्दीन को 13-3, ताजिकिस्तान के फेजिएव अब्दुलकोसिम को 12-2 और मंगोलिया के एन बाटमागनाई बाचुल्लु को 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक बाउट में प्रवेश किया। उसने अपने मेंटर योगेश्वर दत्त के प्रदर्शन को दोहराया जिसने चार साल पहले स्वर्ण पदक जीता था । एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय पहलवानों में करतार सिंह (1978, 1986), सतपाल सिंह (1982), मारूति माने (1962) शामिल हैं।
हार के बाद सुशील निराश
सुशील ने हार के बाद कहा, 'मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी। मैं कोई बड़ा टूर्नामेंट खेलकर नहीं आया था, मेरी हार का यही कारण है। लेकिन यह खेल का हिस्सा है। मैं कड़ी मेहनत करूंगा और वापसी करूंगा। मैं सुस्त नहीं था, मैंने कोशिश की थी।'
निशानेबाजी रेंज पर अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार के दबाव में हासिल किये गये राइफल मिश्रित टीम निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक की मदद से खाता खोला। भारतीय निशानेबाजों ने 48 शॉट के फाइनल में 42 शाट में 429.9 अंक जुटाये और वे ज्यादातर समय दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में चीन ने उन्हें पछाड़कर रजत पदक हासिल किया।
मनु भाकर और अभिषेक वर्मा की पिस्टल मिश्रित टीम को निराशा हाथ लगी क्योंकि वे कजाखस्तान के साथ संयुक्त रूप से बराबर रहने के बाद फाइनल्स के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके।
तैराकी में फाइनल में पहुंचे पर नहीं मिला पदक
भारतीय तैराक साजन प्रकाश और श्रीहरि नटराज क्रमश: पुरूषों की 200 मीटर बटरफ्लाय और 100 मीटर बैकस्ट्रोक में पांचवें और सातवें स्थान पर रहे। नौकायन में ओम प्रकाश और स्वर्ण सिंह डबल्स स्कल्स की दूसरी हीट में शीर्ष पर जबकि दत्तू बब्बन भोकानल सिंग्ल्स स्कल्टस की पहली हीट में दूसरे स्थान पर रहे।
किदांबी श्रीकांत के नेतृत्व में भारत ने बैडमिंटन स्पर्धा में शानदार आगाज करते हुए आज मालदीव को एकतरफा मुकाबले में 3-0 से मात देकर क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की।
टेनिस में अधिकांश भारतीयों को पहले दौर में बाई मिला। मिश्रित युगल में करमन कौर थांडी और दिविज शरण दूसरे दौर में पहुंच गए। कबड्डी में महिला टीम ने जापान को हराया जबकि पुरूष टीम ने श्रीलंका को मात दी।