कार रेसिंग के दौरान हादसे में 3 की मौत, अर्जुन अवॉर्डी गौरव गिल पर केस दर्ज
By भाषा | Published: September 22, 2019 03:30 PM2019-09-22T15:30:04+5:302019-09-22T15:30:38+5:30
हादसे के बाद रविवार तड़के रेसिंग कार चालक जी गिल और एम शरीफ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के समदड़ी थाना क्षेत्र में शनिवार को रेसिंग कार की टक्कर से पति,पत्नी और उनके बेटे की मौत के मामलें में कार चालक जी गिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींव सिंह ने रविवार को बताया कि हादसे के बाद रविवार तड़के रेसिंग कार चालक जी गिल और एम शरीफ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया।
मामला मृतक के बेटे राहुल की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को होतराड़ा गांव में मोटर साइकिल को टक्कर मारने वाली रेसिंग कार पर कार चालक और अन्य के नाम अंकित थे। उल्लेखनीय है कि हादसे में मोटरसाइकिल सवार नरेन्द्र कुमार, उनकी पत्नी पुष्पा और उनके 15 वर्षीय बेटे जितेन्द्र की मौत हो गई थी।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो कार चालकों के साथ साथ कार्यक्रम आयोजित करने वाली कंपनियों में शामिल मैक्सपीरेंस, महिन्द्रा, जे के टायर्स, एमआरएफ टायर्स और फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोटर्स क्लब ऑफ इंडिया के नाम एफआईआर में दर्ज किये गये हैं। वहीं मृतकों के शव अभी भी घटना स्थल पर रखे हुए है क्योंकि ग्रामीण और परिजन आरोपी की गिरफ्तारी, मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं।
समदड़ी थाने के अधिकारी भूटाराम ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजने को लेकर ग्रामीणों एवं परिजनों से बातचीत जारी है लेकिन अभी भी गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि रैली के आयोजक सहयोग नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण कल से आयोजकों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं। भूटाराम ने बताया कि स्थानीय पुलिस के पास कार चालक जी गिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि नेशनल चैंपियनशिप रैली बाडमेर में आयोजित की गई थी, जिसमें जी गिल की कार से यह हादसा हुआ।
मृतक के बेटे राहुल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कार रेसिंग के लिये सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे। हालांकि, बाडमेर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा ने बताया कि रैली के लिये पर्याप्त बंदोबस्त किये गये थे। रेस के लिये बाड़मेर के कई गांवों से गुजरने वाली सड़क को ट्रैक के रूप में इस्तेमाल किया गया था।