Nagpur Flashback: 1995 के चुनाव में भाजपा ने भी साबित किया अपना जनाधार, निर्दलियों की भी धूम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 14, 2019 01:49 PM2019-09-14T13:49:29+5:302019-09-14T13:49:29+5:30
नागपुर में 1995 के विधानसभा चुनाव अनूठे साबित हुए. भाजपा-शिवसेना युति ने सभी समीकरणों को ध्वस्त करते हुए राज्य में पहली पर भगवा लहराया. नागपुर में भी इसका साफ असर दिखा. इन सब के बीच जिले की रामटेक संसदीय सीट में समाहित पांच में से चार सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा कर जिले की राजनीति को नया मोड़ दे दिया.
कमल शर्मा
नागपुर में 1995 के विधानसभा चुनाव अनूठे साबित हुए. भाजपा-शिवसेना युति ने सभी समीकरणों को ध्वस्त करते हुए राज्य में पहली पर भगवा लहराया. नागपुर में भी इसका साफ असर दिखा. इन सब के बीच जिले की रामटेक संसदीय सीट में समाहित पांच में से चार सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा कर जिले की राजनीति को नया मोड़ दे दिया. इस क्रम में कई दिग्गज नेता जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए. इस चुनाव की एक और विशेषता उम्मीदवारों की रिकार्ड संख्या रही. पश्चिम नागपुर में तो 51 उम्मीदवार मैदान में थे.
उत्तर में पहली बार खिला कमल
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार भोला बढ़ेल ने जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया. हालांकि बढ़ेल पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर थे लेकिन कांग्रेस के सहयोग से लड़ रही खोरिपा का दांव काफी मजबूत था. रिकार्ड 39 उम्मीदवारों के संघर्ष में बढ़ेल ने 66888 वोट के साथ जीत दर्ज की. खोरिपा के निवर्तमान विधायक उपेंद्र शेंडे 44320 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. शेख हुसैन (कांग्रेस नेता नहीं ) ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार 11872 वोट लिए. रामरतन मोटघरे ने भी 16 हजार से अधिक वोट लेकर क्षेत्र में बसपा की बढ़ती ताकत का एहसास कराया. निर्दलीय भाऊसाहब कांबले और पूर्व महापौर रामरतन जानोरकर भी पांच हजारी साबित हुए.
पूर्व में चतुव्रेदी को धावड़े से मिली चुनौती
कांग्रेस के सतीश चतुव्रेदी ने 69249 वोटों के साथ एक बार फिर इस सीट पर फतह हासिल की. जनता दल के प्रभाकर धावड़े ने 65919 वोट के साथ उन्हें कड़ी टक्कर दी. शिवसेना - भाजपा उम्मीदवार प्रवीण बरडे की दौड़ 48166 वोटों पर थम गई. कुल 27 उम्मीदवारों के संघर्ष में निर्दलीय अशोक जर्मन ने भी 8000 से अधिक वोट लेकर फैसले पर अपनी छाप छोड़ी. इंडियन नेशनल लीग के शब्बीर अहमद विद्रोही ने 3522 वोट लिए. सहकारिता क्षेत्र के आज दिग्गज बन चुके प्रमोद मानमोड़े केवल 922 वोट हासिल कर सके थे.
दक्षिण में भाजपा की एंट्री
39 उम्मीदवारों के संघर्ष में भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की. पार्टी के अशोक वाड़ीभस्मे ने 45151 वोट लेक र निर्वतमान विधायक अशोक धवड़ को पस्त किया. धवड़ 36248 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. भारिप बहुजन महासंघ के राजू लोखंडे ने 28478 वोट लेकर चुनाव गणित को प्रभावित किया. बसपा क ी टिक ट पर उतरे पांडुरंग हिवरक र ने 9052 वोट और निर्दलीय जयंत लुटे ने 7510 वोट लिए. जनता दल के पुरुषोत्तम राऊत और समता पार्टी के सुरेंद्र शुक्ला की दौड़ क्रमश: 2077 और 269 वोट पर अटक गई.
मध्य अनीस के साथ
पिछला चुनाव केवल 6 वोट से हारने वाले कांग्रेस के अनीस अहमद का इस बार मध्य नागपुर की जनता से साथ दिया. रिक ार्ड 46 उम्मीदवारों के संघर्ष में अनीस अहमद ने 34975 वोट के साथ जीत दर्ज की. निवर्तमान विधायक यशवंत बाजीराव 11534 वोट ही पा सके. 26528 वोटों के साथ भाजपा के प्रभाकर दटके दूसरे स्थान पर रहे. जबकि पिछले चुनाव में जीत दर्ज क रने वाले जनता दल की टिकट पर उतरे रवींद्र पैगवार ने 17 हजार से अधिक वोट लेकर अपनी ताक त दिखाई. बसपा के राम हेडाऊ 3348 वोट पर अटक गए.
पश्चिम में 51 उम्मीदवार, कमल का डबल
पश्चिम नागपुर का यह चुनाव उम्मीदवारों की संख्या को लेकर सुर्खियों में रहा. कुल 51 उम्मीदवारों ने यहां से किस्मत आजमाई. जिले में भाजपा का खाता खोलने वाले विनोद गुड़धे पाटिल ने 94698 वोट लेकर जीत दर्ज की. कांग्रेस की प्रभाताई ओझा 52018 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. जबकि निर्दलीय दिलीप जाधव ने 32657 वोट लेक र सभी को चौंका दिया. दिलीप चौधरी ने भी बतौर निर्दलीय 17004 वोट हासिल किए. चिंतामन इवनाते, अरु ण के दार, दिनेश चौबे, बाबा डवरे सहित मैदान में मौजूद अन्य उम्मीदवार अपनी छाप नहीं छोड़ सके.