Nagpur Flashback: 1995 के विधानसभा चुनाव में निर्दलियों ने रोकी 5 विधायकों की हैट्रिक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2019 07:10 AM2019-09-16T07:10:28+5:302019-09-16T07:10:28+5:30

सावनेर में भी कांग्रेस के रणजीत देशमुख हैट्रिक  नहीं बना सके . दक्षिण नागपुर में भी कांग्रेस के अशोक धवड़  जीत की हैट्रिक  नहीं लगा सके. उत्तर नागपुर के  विधायक  उपेंद्र शेंडे भी चुनाव हार गए. जबकि  मध्य नागपुर के  यशवंत बाजीराव इस बार दूसरा स्थान भी नहीं पा सके.

Nagpur Flashback: hat-trick obstacle of five MLAs in the 1995 assembly elections | Nagpur Flashback: 1995 के विधानसभा चुनाव में निर्दलियों ने रोकी 5 विधायकों की हैट्रिक

Nagpur Flashback: 1995 के विधानसभा चुनाव में निर्दलियों ने रोकी 5 विधायकों की हैट्रिक

कमल शर्मा

1995 के चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों के उदय ने जिले के पांच विधायकों को जीत की हैट्रिक नहीं लगाने दी. क ामठी में यादवराव भोयर कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत नहीं दिला सके. कांग्रेस के सुनील शिंदे भी लगातार तीसरी बार विधानसभा नहीं पहुंच सके. काटोल में उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा. रामटेक  में पांडुरंग हजारे का भी यही हाल हुआ. पहले दो चुनाव जनता पार्टी और फि र जनता दल की टिकट पर जीत चुके  हजारे इस बार भाजपा की टिक ट पर लड़े. जनता ने उन्हें तीसरे स्थान पर  पहुंचा दिया. सावनेर में भी कांग्रेस के रणजीत देशमुख हैट्रिक  नहीं बना सके . दक्षिण नागपुर में भी कांग्रेस के अशोक धवड़  जीत की हैट्रिक  नहीं लगा सके. उत्तर नागपुर के  विधायक  उपेंद्र शेंडे भी चुनाव हार गए. जबकि  मध्य नागपुर के  यशवंत बाजीराव इस बार दूसरा स्थान भी नहीं पा सके.

कामठी में रड़के को मिला मौका

तब नागपुर संसदीय सीट का हिस्सा रहे इस क्षेत्र से पिछले चुनाव में 590 वोट के अंतर से हारने वाले देवराव रड़के  ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज की. उन्हें 59738 वोट मिले. क ांग्रेस के  निवर्तमान विधायक  यादवराव भोयर की दौड़ 36937 वोटों पर सिमट गई जबकि  जनता दल की उम्मीदवार सुलेखा कुं भारे ने 30062 वोट लिए. शिवसेना ने इस बार भी राधेश्याम हटवार पर भरोसा कि या लेकि न वे 8114 वोट ही ले सके.

ग्रामीण में निर्दलीयों से पस्त हुई कांग्रेस

ग्रामीण (रामटेक  संसदीय क्षेत्र) की सीटों पर निर्दलीयों ने कांग्रेस को जोरदार झटका दिया. सावनेर में निर्दलीय सुनील केदार ने 60325 वोट लेकर कांग्रेस के निवर्तमान विधायक रणजीत देशमुख को पराजित किया. देशमुख को   38932 वोट मिले. 22206 वोट लेने वाले भाजपा के दादाराव मंगले के अलावा मैदान में मौजूद अन्य 19 उम्मीदवार कुछ खास नहीं कर सके. उधर काटोल में जिला परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल देशमुख ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बाजी मारी. उन्हें 29807 वोट मिले. दूसरे स्थान पर शेकाप के वीरेंद्र देशमुख रहे जिन्हें 25784 वोट मिले.  कांग्रेस के सुनील शिंदे 20057 वोट पर ही सिमट गए. 

निर्दलीय दीप्ति कालमेघ को 14545 और भाजपा की प्रेरणा बारोकर को 7659 वोट नसीब हुए. रामटेक में भी निर्दलीय अशोक गूजर ने बाजी मारी. उन्हें 52428 वोट मिले. कांग्रेस के  आनंदराव देशमुख 39905 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे. भाजपा के पांडुरंग हजारे को 30172 और बसपा के रायभान डोंगरे को 8731 वोट मिले. कलमेश्वर में भी निर्दलीय रमेश बंग ने 35118 वोट लेकर बाजी मारी. यहां दूूसरे स्थान पर भी निर्दलीय पांडुरंग मते (27769 वोट) रहे. कांग्रेस के नाना गावंडे (23456 वोट) और शिवसेना के रमेश अढ़ाऊ (24160 वोट) ने मुकाबले को बहुकोणीय बनाने का प्रयास जरूर किया. बहरहाल उमरेड ने कांग्रेस की लाज बचा ली. पार्टी के श्रवण पराते ने 33930 वोट लेकर पुन: जीत दर्ज की. निर्दलीय वसंतराव इटकेलवार 30686 वोट के साथ पुन: दूसरे स्थान पर रहे. बसपा के नत्थू मेश्रम ने 23487 वोट लेकर चौंकाया जबकि भाजपा के विट्ठलराव राऊत की गाड़ी 12819 वोटों पर थम गई.

Web Title: Nagpur Flashback: hat-trick obstacle of five MLAs in the 1995 assembly elections

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