मुंबई में 'कसाब पुल' ढहने से 6 की मौत, 32 घायल, रेलवे और BMC अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2019 08:04 AM2019-03-15T08:04:21+5:302019-03-15T08:09:29+5:30
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की।
मुंबई में गुरुवार शाम छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटीएम) स्टेशन के पास एक फुटओवर ब्रिज (पैदल पार पुल) का बड़ा हिस्सा ढह जाने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 36 अन्य घायल हो गए. मृतकों में 3 महिलाएं शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घटना शाम 7:30 बजे हुई, जब ऑफिस से घर लौट रहे लोगों की पुल और सड़क पर भारी भीड़ थी। ब्रिज के ढहने से अफरातफरी मच गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब पुल ढहा, तब पास के सिग्नल पर लालबत्ती के चलते ट्रैफिक रुका हुआ था और इसी वजह से ज्यादा मौतें नहीं हुईं। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आज सुबह पुल पर मरम्मत कार्य चल रहा था, इसके बावजूद इसका इस्तेमाल किया गया।
कसाब पुल के नाम से जाना जाता है ये पुल
इस पुल को आमतौर पर 'कसाब पुल' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान आतंकवादी कसाब इसी पुल से गुजरते हुए कामा हॉस्पिटल की ओर गया था। मृतकों की पहचान अपूर्वा प्रभू (35), रंजना तांबे (40), भक्ति शिंदे (40), तपेंद्र सिंह (35) और जाहिद शिराज खान (32) के रूप में हुई है।
प्रभू और तांबे जीटी स्पताल में परिचारिका के रूप में काम करती थीं और काम खत्म करने के बाद घर लौट रही थीं। अग्निशमन दल के जवानों ने मलबे में फंसे घायलों को बाहर निकालकर तत्काल अस्पताल रवाना किया। हादसे के कारण काफी देर तक इलाके में यातायात ठप रहा। अग्निशमन दल के पीछे एनडीआरएफ की टीम भी तत्काल घटनास्थल पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में फुट ओवर ब्रिज गिरने से लोगों की मौत पर शोक जताया है। मोदी ने ट्वीट किया, 'मुंबई में फुट ओवर ब्रिज ढहने से लोगों की मौत से शोकाकुल हूं। मेरी संवेदनाएं पीडि़त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
सीएम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह ब्रिज 1988 में बना था। मुंबई में सभी पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के आदेश दिए गए थे। ऑडिट में इस पुल के अच्छी स्थिति में होने की जानकारी सामने आई थी। इस संबंध में प्रमाणपत्र भी दिया गया था। अब इस ऑडिट पर सवालिया निशान लग गए हैं। ऑडिट में कुछ छोटी-मोटी मरम्मत का सुझाव दिया गया था और एक वर्ष पूर्व ही यह मरम्मत कर दी गई थी।'
उन्होंने कहा, 'यदि पुल का गलत स्ट्रक्चरल ऑडिट हुआ होगा तो ऑडिट करने वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।'
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की। घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी और राज्य सरकार उनके उपचार का खर्च वहन करेगी।
पुल किसका!
मनपा, रेलवे ने झटके हाथ अब इस बात पर विवाद शुरू हो गया है कि यह पुल किसका है। हादसे की खबर आते ही रेलवे प्रशासन ने कहा कि यह फुट ओवर ब्रिज रेलवे की हद के बाहर का है। उधर, मुंबई के महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर ने दावा किया कि पुल की मरम्मत के लिए रेलवे ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया था।