एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की शपथ में क्यों लिया बाल ठाकरे और दिघे का नाम, कांग्रेस ने 2019 का वाकया याद दिलाकर पूछा सवाल
By योगेश सोमकुंवर | Published: July 1, 2022 07:51 PM2022-07-01T19:51:41+5:302022-07-01T20:05:42+5:30
कांग्रेस की ओर से पूछा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिंदे को शपथ के दौरान शिवसेना के संस्थापक बाला ठाकरे और शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे का नाम लेने की इजाजत क्यों दी?
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए एकनाथ शिंदे द्वारा कही गई बातों पर अब सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस की ओर से पूछा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिंदे को शपथ को दौरान शिवसेना के संस्थापक बाला ठाकरे और शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे का नाम लेने की इजाजत क्यों दी?
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता का राज्यपाल पर आरोप
महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने अपने ट्वीट में लिखा कि 2019 में जब महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को शपथ दिलायी गयी थी तब राज्यपाल ने कुछ मंत्रियों को विभिन्न नेताओं का नाम लेने पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दोबारा लेने को कहा था.
एकनाथजी शिंदेंनी मुख्यमंत्रीपदाची शपथ बाळासाहेब ठाकरे व आनंद दिघेंना स्मरून घेतली
— Atul Londhe (@atullondhe) June 30, 2022
राज्यपालांनी त्यांना अडवले नाही
महाविकास आघाडी सरकारच्या शपथग्रहण सोहळ्यात शपथेआधी नेत्यांची नावे घेतली होती म्हणून मंत्र्यांना पुन्हा शपथ घ्यावी लावली होती
आता राज्यपालांची भूमिका बदलली का?
लोंधे परोक्ष रूप से तत्कालीन कांग्रेस नेता के सी पाड़ी का जिक्र कर रहे थे जिन्हें दोबारा शपथ लेने को कहा गया था क्योंकि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिया था और अपने मतदाताओं को धन्यवाद भी दिया था. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या राज्यपाल ने अब अपना रुख बदल लिया है?
उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर निशाना
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को शिवसेना के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. ठाकरे ने कहा कि अगर अमित शाह ने अपनी बात रखी होती तो आज महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री होता. ठाकरे ने कहा कि, "मैं पहले ही अमित शाह से कह रहा था कि 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और वहीं हुआ. पहले ही अगर बीजेपी ये बात मान लेती तो महा विकास अघाडी का जन्म ही नहीं होता."