ठाकरे सरकार का पहला बजट: इस बात के लिए विरोधियों ने भी की नितिन गडकरी की तारीफ, मेजें थपथपाईं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 7, 2020 08:52 AM2020-03-07T08:52:40+5:302020-03-07T08:52:40+5:30

अपने पहले बजट वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट पेश करते हुए जानकारी दी कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य की सड़क परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

maharashtra budget 2020 ajit pawar praises nitin gadkari thanking him for cooperation | ठाकरे सरकार का पहला बजट: इस बात के लिए विरोधियों ने भी की नितिन गडकरी की तारीफ, मेजें थपथपाईं

महाराष्ट्र में बजट पेश होने के दौरान विरोधियों ने भी की नितिन गडकरी की तारीफ

Highlightsमहाराष्ट्र के वित्तमंत्री अजित पवार ने राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार का पहला बजट पेश किया महाराष्ट्र बजट 2020-21 में किसानों की कर्जमाफी के लिए 7,000 करोड़ रुपए, हर जिले में बनेगा महिला थानापवार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले साल बारिश के कारण हुए फसल के नुकसान के बावजूद केंद्र ने केवल 956 करोड़ रुपये का फंड दिया

मुंबईःमहाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार ने शुक्रवार को अपना पहला बजट पेश किया। बजट पेश करने के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब पक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं नितिन गडकरी की एक साथ तारीफ की। अपने पहले बजट वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट पेश करते हुए जानकारी दी कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य की सड़क परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इसके लिए राज्य सरकार उनका धन्यवाद अदा करती है। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से मेजें थपथपाई गईं। वार्षिक योजना राज्य के बजट में वर्ष 2020-21 के लिए कुल एक लाख 15 हजार करोड़ रुपए खर्च प्रस्तावित किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति उपाययोजना के लिए 9668 करोड़ रुपए और आदिवासी विकास उपाययोजना के लिए प्रस्तावित 8853 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। संशोधित अनुमान (2019-20) वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्व जमा की राशि 3 लाख 14 हजार 640 करोड़ अनुमानित है, लेकिन केंद्र सरकार से मिलने वाले कर हिस्से से 8453 करोड़ रुपए की कमी आई है। इसलिए राजस्व जमा की संशोधित राशि लगभग 3 लाख 9 हजार 880 करोड़ रुपए आंकी गई है।

महाराष्ट्र बजट:  पेट्रोल-डीजल महंगा, किसानों को कर्ज में राहत, उद्योगों के लिये बिजली शुल्क हुआ कम

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार ने शुक्रवार को पेश अपने पहले बजट में किसानों के लिए कर्ज में राहत, पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर वैट बढ़ाने और उद्योगों के लिए बिजली शुल्क को कम करने का प्रस्ताव किया है। राज्य के उप- मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में पेश 2020-21 के कुल 3,56,968 करोड़ रुपये के व्यय वाले बजट में 3,47,457 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। बजट में 1,15,000 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना और 9,511 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। इसी प्रकार वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा 54,618.38 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पहले बजट में संसाधन जुटाने के लिये पेट्रोल और डीजल पर वैट को प्रति लीटर एक रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे राज्य सरकार के खजाने में हर साल 1800 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्ति होगी।

कर रियायतों की घोषणा

बजट प्रस्तावों में कर रियायतों की घोषणा भी की गई है। इसमें मुंबई महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नागपुर के नगर निगमों के तहत आने वाले क्षेत्रों में दस्तावेजों के पंजीकरण पर लगने वाले शु्ल्क में अगले दो वर्षों तक एक प्रतिशत की रियायत शामिल है। बजट में औद्योगिक इस्तेमाल के लिये दी जाने वाली बिजली पर शुल्क को 9.3 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। पवार ने कहा कि पंजीकरण शुल्क में रियायत से रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जबकि बिजली शुल्क में कमी से उद्योगों को राहत मिलेगी। कर राहत के चलते राज्य सरकार को हर साल करीब 2,500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है। इस तरह जिन किसानों का कृषि ऋण दो लाख रुपये से अधिक है, उसके लिए सरकार ने एकमुश्त समाधान योजना का प्रस्ताव रखा है।

किसानों को राहत

30 सितंबर 2019 की स्थिति के अनुसार जिन किसानों के खाते में दो लाख रुपये से अधिक का बकाया है उसमें दो लाख तक की राशि सरकार देगी और उससे अधिक की पूरी राशि किसान को चुकानी होगी। इसी तरह नियमित रूप से फसली रिण का भुगतान करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 50,000 रुपये तक दिए जाएंगे। इसमें 30 जून 2020 तक अपने बकाये फसल रिण का भुगतान नियमित रूप से करने वाले किसानों को यह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। सरकार ने राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान बजट में किया है।

गरीबों को मिलेगा सस्ता खाना

वहीं राज्य में गरीबों के लिये सस्ती भोजन योजना को चलाने के लिये 150 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। पवार ने कहा कि उनके बजट प्रस्ताव आर्थिक सुस्ती की चुनौतियों का मुकाबला करने और रोजगार सृजन पर केन्द्रित हैं। बजट में कहा गया है कि जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार राज्य सरकार पर कुल 4,33,00,091 करोड़ रुपये का बकाया रिण और देनदारी है। पिछले पांच साल के दौरान राज्य ने 2,82,448 करोड़ रुपये का कर्ज लिया।

 

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