लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद BSP में घमासान, नाराज कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां फेंकी, जान बचाकर भागे नेता
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 18, 2019 08:45 AM2019-06-18T08:45:14+5:302019-06-18T08:45:14+5:30
नागपुर में 10 जून की उर्वेला कॉलोनी हॉल की बैठक में भी हंगामा हो गया था. भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव स्तर के पदाधिकारी पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. यह देखकर पदाधिकारी गाडि़यों में बैठकर निकल गए. जबकि एक पदाधिकारी भाई को बचाने आए उसके भाई को ही कार्यकर्ताओं ने घेर लिया.
बसपा में लोकसभा चुनाव के बाद आंतरिक घमासान की स्थितियां बन गई हैं. इसके चलते ही सोमवार को अमरावती के सरकारी गेस्ट हाउस हॉल में पार्टी के तीन प्रदेश प्रभारियों पर नाराज कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां फेंककर रोष जताया. आखिर नौबत यहां तक आ गई कि प्रदेश पदाधिकारियों प्रमोद रैना, एड. संदीप ताजने और कृष्णा बेले को जान बचाकर भागना पड़ गया.
सूत्रों के अनुसार नागपुर में 10 जून की उर्वेला कॉलोनी हॉल की बैठक में भी हंगामा हो गया था. भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव स्तर के पदाधिकारी पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. यह देखकर पदाधिकारी गाडि़यों में बैठकर निकल गए. जबकि एक पदाधिकारी भाई को बचाने आए उसके भाई को ही कार्यकर्ताओं ने घेर लिया.
इसकी सूचना मिलने पर पुलिस भी उर्वेला कॉलोनी के सभागृह पहुंच गई थी. कुछ दिनों पहले लोकसभा उम्मीदवार व मनपा पक्ष नेता मो. जमाल को भी पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में पार्टी से निकाला गया है. ऐसी स्थिति में मो. जमाल खुलकर बसपा के प्रदेश पदाधिकारियों की कथित सौदेबाजी पर बयानबाजी कर रहे हैं.
उधर, जिलाध्यक्ष व शहर अध्यक्ष बदलाव को लेकर भी पार्टी में भीतरी नाराजी पनप रही है. इन स्थितियों में बसपा की आगामी 23 जून की संभावित बैठक पर सभी की नजरें लगी हैं.
नगरसेवक के वॉट्सअप मैसेज की चर्चा इसके साथ ही बसपा पदाधिकारियों के वॉट्सअप ग्रुप पर एक स्थानीय नगरसेवक का आपत्तिजनक पोस्ट व मैसेज भी चर्चाओं में है. पार्टी के इस ग्रुप में महिला पदाधिकारी भी हैं. इस तरह के आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले नगरसेवक की मानसिकता को लेकर गु्रप सदस्यों द्वारा जमकर खरी-खोटी सुनाने का दौर जारी है.