महाराष्ट्र में मंदिर पर राजनीति, शिवसेना का भाजपा पर निशाना, कोविड के मामले बढ़े तो इसकी जिम्मेदारी...
By भाषा | Published: August 31, 2020 03:42 PM2020-08-31T15:42:02+5:302020-08-31T15:42:02+5:30
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा था कि लोग जानते हैं कि मंदिर खुलने के बाद शारीरिक दूरी का किस तरह पालन किया जाना है। शिवसेना ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान ''नियमों की धज्जियां उड़ाईं'' गईं थी।
मुंबईः शिवसेना ने कोविड-19 संकट के बीच महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग को लेकर सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में दोबारा ''विस्फोटक'' वृद्धि हुई तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेगी।
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में धार्मिक स्थल फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते मंदिरों के बाहर प्रदर्शन किया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा था कि लोग जानते हैं कि मंदिर खुलने के बाद शारीरिक दूरी का किस तरह पालन किया जाना है। शिवसेना ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान ''नियमों की धज्जियां उड़ाईं'' गईं थी।
लिहाजा, विपक्ष को अपनी मांग उठाने से पहले महाराष्ट्र में हालात को समझना चाहिये। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में पूछा गया है, ''अगर दोबारा कोविड-19 विस्फोट हुआ तो क्या विपक्षी दल उसकी जिम्मेदारी लेगा।'' संपादकीय में सवाल किया गया कि भाजपा का प्रदर्शन धार्मिक था या राजनीतिक।
साथ ही इसमें कहा गया है कि विपक्षी नेताओं को यह जानने की कोशिश करनी चाहिये कि मंदिर क्यों बंद किये गए। उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, ''जहां भी स्कूल और धार्मिक स्थल खुले हैं, वहां कोविड-19 पैर पसार रहा है। तिरुपति बालाजी मंदिर भी इससे प्रभावित हुआ है।''
वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने पंढ़रपुर मंदिर खोले जाने की मांग की
वंचित बहुजन आघाड़ी और विश्व वरकरी सेना के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढ़रपुर शहर में प्रसिद्ध भगवान विठ्ठल मंदिर को फिर से खोले जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मंदिर के पास एकत्र हुए और मांग की कि इसे भक्तों के लिए फिर से खोला जाए।
मंदिर को कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों के कारण बंद कर दिया गया है। प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन आघाडी ने मंदिर को फिर से खोलने की विश्व वरकरी सेना की मांग का समर्थन किया है। वरकरी सेना भगवान विठ्ठल के भक्तों का एक संगठन है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड लगाए हैं। वरकरी सेना ने सोलापुर जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर मांग की है कि महाराष्ट्र में सभी मंदिरों को फिर से खोला जाए। आंबेडकर को सोमवार को प्रदर्शनकारियों से सामाजिक दूरी बनाए रखने और शांत रहने की अपील करते देखा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ जिलाधिकारी की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।" सोलापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल ज़ेंडे ने रविवार को कहा कि आंदोलन को देखते हुए पंढरपुर और मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर मोर्चाबंदी की गयी है।