महाराष्ट्र विधानसभा चुनावः सियासी घरानों के युवाओं को ही मिल रहा है अवसर, वारिस लॉन्च करने की होड़

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 20, 2019 08:11 AM2019-09-20T08:11:55+5:302019-09-20T08:11:55+5:30

विधानसभा चुनाव को मद्देनजर राज्य के सभी क्षेत्रों में अपने वारिसों को सक्रिय राजनीति में लाने के प्रयास जारी है और  वंशवाद को बढ़ावा देने की होड़ लग गई है.

Maharashtra Assembly Elections: Young people of political houses are getting opportunity, vow to launch heirs | महाराष्ट्र विधानसभा चुनावः सियासी घरानों के युवाओं को ही मिल रहा है अवसर, वारिस लॉन्च करने की होड़

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावः सियासी घरानों के युवाओं को ही मिल रहा है अवसर, वारिस लॉन्च करने की होड़

Highlightsराकांपा प्रमुख शरद पवार स्वयं वंशवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. नाती रोहित को लॉन्च करने की तैयारी।शिवसेना के ‘युवराज’ कहे जाने वाले और बालासाहब ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे की जीत पर जोर

राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल युवा चेहरों को अवसर देने का ढिंढोरा पीटकर चुनावी संग्राम में उतारने का दावा कर रहे हैं. लेकिन हकीकत में चुनाव मैदान में उतरने वाले ऐसे बहुत से युवा हैं जो बड़े राजनीतिक घरानों के हैं. युवाओं को अवसर तो जरूर मिल रहा है लेकिन उन्हें जो स्थापित सियासी परिवारों से हैं.

खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव को मद्देनजर राज्य के सभी क्षेत्रों में अपने वारिसों को सक्रिय राजनीति में लाने के प्रयास जारी है और  वंशवाद को बढ़ावा देने की होड़ लग गई है.  राकांपा प्रमुख शरद पवार स्वयं वंशवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने इस चुनाव में अपने नाती रोहित पवार के ‘राज्याभिषेक’ की तैयारी कर ली है. 

रोहित को अहमदनगर की कजर्त जामखेड़ सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी है. रोहित ने दो वर्ष पहले से चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी थी. शिवसेना के ‘युवराज’ कहे जाने वाले और बालासाहब ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे की विधानसभा में जीत सुनिश्चित करने के मकसद से पार्टी के कई विधायकों में उन्हें अपनी सीट देने की होड़ लगी है.

खासतौर पर आदित्य को जलगांव ग्रामीण, मालेगांव पूर्व और वरली विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया गया है. उधर पूर्व मंत्री सुनील तटकरे को अपनी वारिसदार को विधानसभा पहुंचाने की जल्दी है. वह राज्य की श्रीवर्धन सीट से अपनी बेटी अदिती तटकरे को चुनाव मैदान में उतारने के लिए मोर्चाबंदी कर रहे हैं.

कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामनेवाले जिंतूर क्षेत्र के पूर्व विधायक रामप्रसाद बोर्डीकर अपनी बेटी को टिकट दिलाने के प्रयास में हैं. इसके लिए वह जिंतूर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं. औरंगाबाद के गंगापुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक अन्नासाहब माने अपने बेटे संतोष माने को शिवसेना की ओर  चुनाव लड़ाने के लिए प्रयत्नशील हैं.

बीड़ में वारिसदारों को लांच करने की मची होड़

राज्य के बीड़ में अपने वारिसदारों को लांच करने की होड़ मची है. सुंदरराव सोलुंके, गोपीनाथ मुंडे, केशरकाकू क्षीरसागर जैसे दिग्गज नेता अपने वारिसदारों के लिए जतन कर रहे हैं. पूर्व मंत्री विमलताई मूंदडा अपनी बहू नमिता को केज सीट से उम्मीदवार बनाना चाहती हैं. गेवराई सीट से अपने बेटे विजय सिंह को चुनाव लड़ाने के लिए पूर्व मंत्री शिवाजीराव पंडित ने फील्डिंग जमा दी है. भाजपा से विधान परिषद के सदस्य सुरेश धस अपने बेटे जयदत्त को आष्टी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहे हैं.

कदम को बेटे की चिंता

खेड-गुहागर सीट से विस चुनाव हारने और पिछले दरवाजे से मंत्री पद पाने वाले पर्यावरण मंत्री रामदास कदम अपने बेटे योगेश कदम के लिए दापोली सीट से टिकट चाहते हैं.

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