महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: आसान नहीं होगी पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण की राह, कर्हाड विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला के आसार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2019 09:02 AM2019-09-16T09:02:43+5:302019-09-16T09:07:16+5:30
Maharashtra assembly elections 2019: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भोसले को क्षेत्र विकास के लिए निरंतर पांच वर्षो तक धनराशि जारी करके उनकी ताकत में इजाफा किया है. इसके चलते भोसले ने चव्हाण के सामने उनके विधानसभा क्षेत्र में बड़ी चुनौती पेश कर दी है.
दीपक शिंदे
सातारा जिले की कर्हाड दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की जीत की राह इस बार के चुनाव में आसान नहीं दिख रही. इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष होने की संभावना जताई जा रही है वहीं भाजपा भी इस सीट को कांग्रेस से छीनने के लिए जतन कर रही है.
भाजपा के अतुल भोसले को प्राप्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल का सहयोग इस सीट पर भाजपा की ताकत बनकर उभर सकता है. कर्हाड दक्षिण अपने पास बनाए रखने के मकसद से चव्हाण भी योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं. मलकापूर नगरपालिका कांग्रेस के कब्जे में होने से चव्हाण ने यह संदेश दिया है कि उनका जनाधार क्षेत्र में बरकरार है.
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी अतुल भोसले के पंढरपुर देवस्थान समिति में बतौर अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनका राजनीतिक कद राज्यभर में बढ़ा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भोसले को क्षेत्र विकास के लिए निरंतर पांच वर्षो तक धनराशि जारी करके उनकी ताकत में इजाफा किया है. इसके चलते भोसले ने चव्हाण के सामने उनके विधानसभा क्षेत्र में बड़ी चुनौती पेश कर दी है.
इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से उदयसिंह पाटिल उंडालकर के पुत्र विलासराव पाटिल उंडालकर चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं. विलासराव ने मलकापूर नगरपालिका में कांग्रेस को जीत दिलाने में पृथ्वीराज चव्हाण के साथ मिलकर काम किया था.
मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने क्षेत्र के विकास के लिए कई कार्य किए. कई सरकारी कार्यालयों का निर्माण किया गया. क्षेत्र की कई समस्याओं को हल किया. भाजपा सरकार ने पिछले पांच वर्षो में केवल घोषणाएं कीं. लाखों युवक बेरोजगार हुए.
- पृथ्वीराज चव्हान,पूर्व मुख्यमंत्री
कहा जा रहा है कि अगर विलासराव को इस सीट से कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. इसके चलते विधानसभा चुनाव में पृथ्वीराज चव्हाण के बजाय विलासराव को कांग्रेस का टिकट मिलने की संभावना भी जताई जा रही है.
रयत क्रांति संगठन भी इस सीट के लिए अपनी कमर कस चुका है. लेकिन, पृथ्वीराज चव्हाण का निर्णय अहम होगा? क्या उंडालकर को संगठन का साथ मिलेगा यह आने वाले समय में पता चल सकेगा. वह कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं.
पांच वर्ष में क्या हुआ ?
- मलकापूर नगरपालिका को अपने कब्जे में लेने के लिए अतुल भोसले ने काफी प्रयास किए. लेकिन, पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाले पैनल ने नगरपालिका में जीत हासिल की.
-पंचायत समिति उंडालकर, बालासाहब पाटिल के कब्जे में थी. यहां भाजपा को जीत दिलाने के लिए भी अतुल भोसले ने काफी संघर्ष किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी.
-कृषि उपज मंडी समिति पर पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहब पाटिल के पैनल का कब्जा था. जहां उंडालकर अपने पैनल का कब्जा जमाने में सफल रहे.
- चव्हान ने कर्हाड को जिला बनाने का प्रयास किया. नए कार्यालय शुरू किए लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली.