महाराष्ट्र-हरियाणा विधानसभा चुनाव: 20 से 30 फीसदी विधायकों का टिकट काट सकती है BJP
By हरीश गुप्ता | Published: September 28, 2019 07:04 AM2019-09-28T07:04:14+5:302019-09-28T07:20:36+5:30
महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश प्रभारी और महासचिव भूपेंद्र यादव सख्त नेता हैं. उनकी इच्छा होगी कि भाजपा करीब हर उस सीट को जीते, जिस पर वह चुनाव लड़ती है
महाराष्ट्र और हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा अपने 20-30 फीसदी मौजूदा विधायकों का बाहर का रास्ता दिखा सकती है. महाराष्ट्र में 2014 में चुनाव जीतने वाले 122 विधायकों में से कम से कम 22-25 विधायक दोबारा नहीं हो सकते हैं. यह साफ है कि पिछले एक साल में तीन बार कराए गए भाजपा के आंतरिक सव्रेक्षणों से भाजपा ने यह निष्कर्ष निकाला है कि नए चेहरों का सामने लाना चाहिए.
केंद्रीय स्तर के पार्टी नेतृत्व का मानना है कि 2014 में स्थिति अलग थी क्योंकि शिवसेना के साथ कोई गठबंधन नहीं था. उस समय पार्टी को कई समझौते करने पड़े और पार्टी को वरिष्ठ नेताओं के दबाव में ऐसे नेताओं को टिकट देना पड़ा, जिसे वह नहीं देना चाहती थी. वैसे, अब समय बदल गया है और भाजपा में सफाई खुद इसकी जरूरत बन गई है.
दूसरी बात यह है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी और महासचिव भूपेंद्र यादव सख्त नेता हैं. उनकी इच्छा होगी कि भाजपा करीब हर उस सीट को जीते, जिस पर वह चुनाव लड़ती है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी राज्य के नेताओं से दृढ़ता से कहा है कि पार्टी 162 में से 150 सीटें जीतने की स्थिति में होनी चाहिए. हालांकि, भाजपा के 144 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है, लेकिन वह चाहती है कि छोटी पार्टियां उसके चुनावचिह्न् पर चुनाव लड़ें. भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि अन्यथा वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं.
विभिन्न एजेंसियों ने तीन सर्वेक्षण किए थे जबकि एक आंतरिक सर्वेक्षण सीधे भूपेंद्र यादव की देखरेख में हुआ था. यह महसूस किया जा रहा है कि राजनीति से इतर दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को उतारा जाए. यह समय है कि जबकि भाजपा को राजनीतिक क्षेत्र के बाहर से प्रतिभाओं को आकर्षित करना चाहिए. तीसरा, भाजपा ने अन्य दलों के नेताओं की बड़ी संख्या को अपने में मिलाया है. उनमें से कुछ को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारना है ताकि भाजपा में शामिल होने की उम्मीद रखने वालों को उम्मीद जगे. सूत्रों की मानें तो कम से कम 20 मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं.
पीएम के लौटने के बाद जारी होगी लिस्ट :
हरियाणा की स्थिति अलग नहीं है, जहां भाजपा 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए अकेले चुनाव लड़ रही है. इसके 47 विधायक हैं जिन्होंने अक्तूबर 2014 में उसके चुनावचिह्न् पर जीत हासिल की थी.
महाराष्ट्र के विपरीत वहां विपक्ष पूरी तरह से विभाजित और खंडित है. यही कारण है कि भाजपा आंतरिक मूल्यांकन और सर्वेक्षणों के आधार पर कम से कम 15 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सप्ताहभर के विदेश दौरे से लौटने के बाद जब 29 सितंबर को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद लिस्ट की घोषणा की जाएगी.