Maharashtra Election: सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार नेता, पार्टी बदलकर BJP-शिवसेना की बढ़ा रहे ताकत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 18, 2019 07:48 AM2019-09-18T07:48:15+5:302019-09-18T11:04:08+5:30

लोकसभा चुनाव के बाद अब तक 15 वर्तमान विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ी है. इनमें से 7 भाजपा और 8 विधायकों ने शिवसेना में प्रवेश किया है. 16 पूर्व विधायकों में से 9 ने भाजपा और 6 लोगों ने शिवसेना का दामन थाम लिया है.

Maharashtra assembly Election 2019: many opposition leaders joining bjp and shivsena | Maharashtra Election: सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार नेता, पार्टी बदलकर BJP-शिवसेना की बढ़ा रहे ताकत

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Highlightsराज्य में दोबारा सरकार के सत्ता में आने के संकेत मिलने के बाद अब तक 30 विधायक और पूर्व विधायकों ने अपना दलबदल कर लिया है. कांग्रेस और राकांपा के स्थापित नेताओं ने अपनी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ दल की ताकत में और इजाफा किया है.

आसिफ कुरणो कोल्हापुर

लोकसभा चुनाव में दोबारा सत्ता मिलने के बाद भाजपा की ताकत बढ़ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभाव तथा राज्य में दोबारा सरकार के सत्ता में आने के संकेत मिलने के बाद अब तक 30 विधायक और पूर्व विधायकों ने अपना दलबदल कर लिया है. कांग्रेस और राकांपा के स्थापित नेताओं ने अपनी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ दल की ताकत में और इजाफा किया है. दलबदल करने के मामले में सबसे ज्यादा संख्या पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण पट्टे की है.

राज्य में युति सरकार की वापसी की संभावना को देखते हुए कांग्रेस राकांपा और अन्य दलों के कई विधायकों और पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टी को गुडबाय कर दिया है और भाजपा और शिवसेना में शामिल होने के लिए स्पर्धा चल रही है. अब तक 13 वर्तमान विधायकों और 17 पूर्व विधायकों ने भाजपा और शिवसेना में प्रवेश कर लिया है. इसके अलावा दर्जनभर विधायक और पूर्व विधायकों के युति में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं.

इस तारतम्य में नारायण राणो अपनी पार्टी स्वाभिमान पक्ष की भाजपा में विलय करने की घोषणा कर चुके हैं. लेकिन इस विलय प्रक्रिया में फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है. भाजपा और शिवसेना के बीच राज्य में सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद ही नेताओं की दलबदलने की कवायद में कमी आने की  संभावना जताई गई है.

लोकसभा चुनाव के बाद अब तक 15 वर्तमान विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ी है. इनमें से 7 भाजपा और 8 विधायकों ने शिवसेना में प्रवेश किया है. 16 पूर्व विधायकों में से 9 ने भाजपा और 6 लोगों ने शिवसेना का दामन थाम लिया है. सत्तारूढ़ दल में दाखिल होने के अलावा कई नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने दलबदलकर दूसरी पार्टी को पकड़ा है. मालेगांव के मौलाना मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एमआईएम में आ गए हैं वहीं पूर्व मंत्री प्रकाश आवाडे ने कांग्रेस को गुडबाय कह दिया है.

संस्थाओं को बनाए रखने और कार्रवाई से बचने की कवायद

पश्चिम महाराष्ट्र की शक्कर मिलें, सहकारी संस्थाओं को बनाए रखने और इनमें कथित अनियमितताओं को लेकर सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए भी इन संस्थाओं से जुड़े विधायक और पूर्व विधायक पांच वर्षो तक राज्य सरकार का विरोध करने के बाद अब अपनी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ दल की ओर कदम बढ़ रहे हैं. यहां इन संस्थाओं और मिलों से राकांपा और कांग्रेस के नेता जुड़े हैं जो भाजपा और शिवसेना से जुड़ रहे हैं.

पश्चिम महाराष्ट्र पर जोर

 2014 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम महाराष्ट्र से भाजपा ने 19, शिवसेना ने 13 सीटों पर जीत हासिल कर इस क्षेत्र की 32 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी राकांपा यहां से 16 सीटों पर विजय हुई थी. राकांपा को पश्चिम महाराष्ट्र का गढ़ माना जाता है.  राकांपा के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने के लिए  भाजपा ने पश्चिम महाराष्ट्र में सेंधमारी करने का काम किया है जो जारी है.

विदर्भ में दलबदल कम

भाजपा और शिवसेना में शामिल होनेवाले अधिकांश विधायक प्रमुखता से पश्चिम महाराष्ट्र और  कोंकण क्षेत्र के हैं. इन स्थानों पर इन दोनों पार्टियों की ताकत कमजोर है. यहां अन्य दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने की नीति पर भाजपा के नेता काम कर रहे हैं. हालांकि भाजपा के प्रभाव वाले विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र से कांग्रेस और अन्य दलों से भाजपा में शामिल होनेवाले नेताओं की संख्या नगण्य है.

Web Title: Maharashtra assembly Election 2019: many opposition leaders joining bjp and shivsena

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