महाराष्ट्र: राज्य सरकार द्वारा शहर की जलापूर्ति योजना रोके जाने के विरोध में 31 सभासदों ने दिया इस्तीफा, शिवसेना-भजपा गठबंधन पर संकट
By भाषा | Published: December 15, 2019 12:38 AM2019-12-15T00:38:19+5:302019-12-15T00:38:19+5:30
भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि उसके सभासदों ने शहर भाजपा अध्यक्ष किशनचंद तनवानी को इस्तीफा सौंप दिया है। तनवानी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’से कहा, ‘‘ शनिवार को इस्तीफा देने वाले कुल सभासदों की संख्या 31 है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के उप महापौर द्वारा नगर आयुक्त को इस्तीफा सौंपने के एक दिन बाद 31 सभासदों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। इनमें अधिकतर भाजपा के हैं। उन्होंने यह कदम राज्य सरकार द्वारा शहर की जलापूर्ति योजना रोके जाने के विरोध में उठाया है।
भाजपा के उप महापौर विजय औताडे ने शुक्रवार को कहा कि वह इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा औरंगाबाद में जलापूर्ति के लिए मंजूर 1,680 करोड़ की परियोजना को पिछले महीने सत्ता में आई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)- कांग्रेस सरकार ने रोक दिया है।
भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि उसके सभासदों ने शहर भाजपा अध्यक्ष किशनचंद तनवानी को इस्तीफा सौंप दिया है। तनवानी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’से कहा, ‘‘ शनिवार को इस्तीफा देने वाले कुल सभासदों की संख्या 31 है।
औताडे ने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था और हम सोमवार तक यह देखने के लिए इंतजार करेंगे कि क्या इसे स्वीकार किया जाता है या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना से गठबंधन समाप्त हो गया है और पार्टी के राज्य नेतृत्व से आगे का कदम उठाने के लिए बात करेंगे।
गौरतलब है कि दोनों भगवा दलों ने वर्ष 2015 में औरंगाबाद शहर निकाय चुनाव साथ लड़ा था। 115 सदस्यीय औरंगाबाद नगर निकाय में सबसे अधिक 29 सदस्य शिवसेना के हैं। दूसरे स्थान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन है, जिसके 24 सदस्य हैं।
भाजपा, निर्दलीय और कांग्रेस के क्रमश: 23, 17 और 11 सदस्य हैं। सदन में पांच बहुजन समाज पार्टी, चार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और दो आरपीआई (डी) पार्टी के सदस्य हैं।