न्यायालय के साथ नाटकबाजी, झूठ बोलने वाली पत्नी को झटका, कानूनी कार्रवाई का निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 04:09 PM2020-02-26T16:09:32+5:302020-02-26T16:09:32+5:30
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि न्याय प्रणाली को प्रदूषित करने वालों के साथ कठोरता से निपटना जरूरी है. इस मामले में न्यायमूर्ति रोहित देव के समक्ष सुनवाई हुई. पत्नी का नाम भावना मतलाने है. वह अकोला की निवासी है.
नागपुर में लोस सेवा परिवार न्यायालय के साथ नाटकबाजी करने वाली पत्नी को बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जोरदार झटका दिया है.
संबंधित पत्नी पर चार सप्ताह के भीतर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी परिवार न्यायालय को दिया गया है. वहीं, प्रबंधक कार्यालय को इस निर्णय के बारे में एक सप्ताह के भीतर परिवार न्यायालय को जानकारी देने को कहा गया है.
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि न्याय प्रणाली को प्रदूषित करने वालों के साथ कठोरता से निपटना जरूरी है. इस मामले में न्यायमूर्ति रोहित देव के समक्ष सुनवाई हुई. पत्नी का नाम भावना मतलाने है. वह अकोला की निवासी है. अकोला परिवार न्यायालय ने 16 जुलाई 2016 को उसे 2500 रुपए अंतरिम निर्वाह निधि मंजूर की थी.
उसने न्यायालय में शपथपत्र दायर कर बताया था कि वह नौकरी नहीं करती है और गुजारे के लिए पिता पर निर्भर है. इसके बाद पति प्रेमदीप ने इस निर्णय में बदलाव के लिए दो याचिकाएं दायर की थीं. प्रेमदीप का कहना था कि भावना ने झूठी जानकारी देकर निर्वाह निधि का आदेश हासिल किया जबकि वह 11 हजार 450 रुपए मासिक वेतन पर बैंक में नौकरी करती है.
इसलिए उसका निर्वाह निधि का आदेश रद्द किया जाए. 16 फरवरी 2019 को परिवार न्यायालय ने प्रेमदीप की दोनों याचिकाएं गुणवत्ताहीन करार देते हुए खारित कर दी थीं. इसलिए उसने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. हाईकोर्ट ने मामले के तथ्यों को देखते हुए परिवार न्यायालय को भी फटकार लगाई.
हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी द्वारा शपथपत्र में झूठ बोलने के बावजूद पति की याचिकाओं को महत्व नहीं दिया गया. यह पद्धति योग्य नहीं है. वहीं, पति की याचिका मंजूर कर परिवार न्यायालय का विवादित निर्णय रद्द किया और पत्नी को भी जोरदार झटका दिया.