जीएमआर द्वारा लगाई गई अंतिम बोली रद्द, नागपुर एयरपोर्ट के लिए नए सिरे से जारी होगा टेंडर
By वसीम क़ुरैशी | Published: May 19, 2020 07:15 AM2020-05-19T07:15:13+5:302020-05-19T07:15:13+5:30
पूर्व में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मंगलौर, त्रिवेंद्रम सहित देश के छह एयरपोर्ट का निजीकरण किया गया था. इसमें प्रति यात्री राजस्व की हिस्सेदारी तय की गई. अब नागपुर एयरपोर्ट निजीकरण में हिस्सेदारी के लिए यही मॉडल अपनाया जाएगा.
नागपुर: डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानतल के निजीकरण के लिए जीएमआर द्वारा लगाई गई अंतिम बोली रद्द कर दी गई है. अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. यह काम अगले साल होने की उम्मीद है. महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी) के वीसीएमडी और एमआईएल के सीएमडी अनिल पाटिल के अनुसार अक्तूबर 2019 में हुई प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंप्लीमेंट कमेटी (पीएमआईसी) की बैठक में इस बोली पर विचार किया गया. इस बैठक के बाद यह संभावना बनी कि एयरपोर्ट निजीकरण में राजस्व की भागीदारी 20 प्रतिशत हासिल की जा सकती है इसलिए जीएमआर की बोली को रद्द कर दिया गया है.
पाटिल ने बताया कि नागपुर एयरपोर्ट ऑपरेशनल प्रॉफिट में है, इसके अलावा नागपुर का लगातार विस्तार और विकास हो रहा है. अंतिम बोली 5.76 की थी, लेकिन 'लोकमत समाचार' में खबर प्रकाशित होने के बाद एमएडीसी से बातचीत हुई. इसके बाद राजस्व की भागीदारी का प्रतिशत 14.49 कर दिया गया. इससे यह साफ है कि अब अधिक प्रतिशत में राजस्व मिल सकता है. पाटिल ने बताया कि शिवणगांव में 70 स्ट्रक्चर का ही अधिग्रहण शेष रह गया है. यह काम लॉकडाउन के बाद पूरा किया जाएगा.
बॉक्स प्रति यात्री रेवेन्यू शेयरिंग का मॉडल पूर्व में जब जीएमआर से अंतिम बोली आई थी, उस समय तक एयरपोर्ट का निजीकरण करने के लिए राजस्व की भागीदारी का मॉडल कुल राजस्व में से हिस्सेदारी का था. उल्लेखनीय है कि पूर्व में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मंगलौर, त्रिवेंद्रम सहित देश के छह एयरपोर्ट का निजीकरण किया गया था. इसमें प्रति यात्री राजस्व की हिस्सेदारी तय की गई. अब नागपुर एयरपोर्ट निजीकरण में हिस्सेदारी के लिए यही मॉडल अपनाया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार निजीकरण के मास्टर प्लान में इसके अलावा कोई और बड़ा बदलाव नहीं होगा.