‘संयोग से मुख्यमंत्री’ बना, सीएम बनने का सपना नहीं देखा, भाजपा के साथ रहकर पिता से किया वादा पूरा नहीं कर पाताः उद्धव ठाकरे

By भाषा | Published: February 3, 2020 03:57 PM2020-02-03T15:57:44+5:302020-02-03T15:58:31+5:30

ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनके लिए ‘हिंदुत्व’ का मतलब अपने द्वारा कहे गए शब्दों का सम्मान करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह ‘संयोग से मुख्यमंत्री’ (एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री) बने हैं, शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हो सकता है।’’

Became 'Chief Minister' by chance, didn't dream of becoming CM, could not fulfill promise made to father by staying with BJP: Uddhav Thackeray | ‘संयोग से मुख्यमंत्री’ बना, सीएम बनने का सपना नहीं देखा, भाजपा के साथ रहकर पिता से किया वादा पूरा नहीं कर पाताः उद्धव ठाकरे

मेरे लिए सत्ता की ताकत (मुख्यमंत्री का पद) नयी बात है।

Highlightsगठबंधन करने के बारे में ठाकरे ने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन पहले भी किए गए हैं।उन्होंने कहा कि राज्य और देश का हित हर विचारधारा से बड़ा है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री बनना कभी उनका सपना या महत्वाकांक्षा नहीं थी लेकिन जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भाजपा के साथ रहकर वह अपने पिता से किया वादा पूरा नहीं कर सकते, तो उन्होंने यह बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार करने का फैसला किया।

ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनके लिए ‘हिंदुत्व’ का मतलब अपने द्वारा कहे गए शब्दों का सम्मान करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह ‘संयोग से मुख्यमंत्री’ (एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री) बने हैं, शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हो सकता है।’’

राकांपा और कांग्रेस जैसे वैचारिक रूप से अलग दलों के साथ गठबंधन करने के बारे में ठाकरे ने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन पहले भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य और देश का हित हर विचारधारा से बड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक ताकत मेरे लिए नई बात नहीं है क्योंकि मैंने अपने पिता (दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे) को बचपन से इसे संभालते देखा। मेरे लिए सत्ता की ताकत (मुख्यमंत्री का पद) नयी बात है।’’

शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री बनना अपने पिता से किया गया वादा पूरा करने की दिशा में मेरा पहला कदम है।’’ ठाकरे ने कहा कि उन्होंने निर्णय किया था कि किसी शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने का पिता से किसा गया वादा पूरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जब एहसास हुआ कि मैं भाजपा के साथ रहकर अपने पिता का सपना साकार नहीं कर सकता तो मेरे पास बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने से लोगों को झटका लगा है, ठाकरे ने कहा, ‘‘राजनीतिक झटके कई प्रकार के होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वादे पूरे करने के लिए होते हैं। वादा टूटने से निराशा तथा गुस्सा पैदा हुआ और फिर मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा। मुझे नहीं पता कि भाजपा इस झटके से उबर पाई है या नहीं। मैंने क्या बड़ी चीज मांगी थी... चांद या तारे? मैंने बस उन्हें यह याद कराया था कि लोकसभा चुनाव से पहले किस बात पर सहमति बनी थी।’’

चुनाव अकेले लड़ने के अपने पहले के रुख में बदलाव होने के बारे में ठाकरे ने कहा, ‘‘जब (तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह मेरे पास आए, मुझे लगा कि फिर से शुरुआत करने में क्या नुकसान है।’’ जब ठाकरे से यह पूछा गया कि यदि उनकी मां मीना ठाकरे जीवित होतीं, तो उनके मुख्यमंत्री बनने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होती, उन्होंने कहा कि मां को लगता कि ‘‘हे भगवान, क्या वह यह जिम्मेदारी निभा पाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं जो कुछ करूंगा, ईमानदारी से करूंगा।’’ ठाकरे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं। चुनाव लड़ने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘आगामी दो-तीन महीने में, मैं इस बारे में फैसला करूंगा। मैं अपनी जिम्मेदारियों से कभी नहीं भागूंगा।’’ 

Web Title: Became 'Chief Minister' by chance, didn't dream of becoming CM, could not fulfill promise made to father by staying with BJP: Uddhav Thackeray

महाराष्ट्र से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे