Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में सीट बंटवारे में फंसा नया पेंच, हर जिले में प्रतिनिधित्व चाहती है NCP

By भाषा | Published: September 22, 2019 01:27 PM2019-09-22T13:27:54+5:302019-09-22T13:27:54+5:30

महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना है।

Assembly Election 2019 New screw stuck in seat sharing in Maharashtra, NCP wants representation in every district | Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में सीट बंटवारे में फंसा नया पेंच, हर जिले में प्रतिनिधित्व चाहती है NCP

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस फडणवीस के खिलाफ दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा सीट से भी किसी बड़े चेहरे को उतारने की कोशिश में हैकांग्रेस एवं राकांपा पूरी कोशिश करेंगी कि छोटी पार्टियों को साथ लिया जाए।

महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भले ही 125-125 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जता दी है, लेकिन शरद पवार की पार्टी की राज्य के सभी 36 जिलों में प्रतिनिधित्व की मांग से दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे में नया पेंच फंस गया है।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जल्द ही इस बारे में फैसला कर लिया जाएगा कि दोनों पार्टियों एवं छोटे सहयोगी दलों के खाते में कौन-कौन सी सीटें जाएंगी। दोनों पार्टियों की राज्य इकाई के नेता अपने और छोटे दलों के हिस्से की सीटें तय करने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं। राज्य की सभी 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना है।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने ''पीटीआई-भाषा'' को बताया, ''राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से हर जिले में कम से कम एक या दो सीट की मांग रखी गयी है। यह हमारे लिए थोड़ा व्यवहारिक नहीं है क्योंकि राज्य में कई इलाके हैं जहां उसका कुछ खास असर नहीं है।''

उन्होंने कहा, '' दोनों पार्टियों में लगातार बातचीत चल रही है। कुछ दिनों के भीतर ही हम अपने हिस्से और छोटे दलों के लिए सीटों को तय कर लेंगे।'' कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा, '' राकांपा विदर्भ में कई सीटों की मांग कर रही है जबकि इस क्षेत्र में उसका कुछ खास आधार नहीं रहा है। इसी तरह उसने मुंबई की 36 सीटों में से 12 सीटों की मांग रख दी है जबकि 2009 में गठबंधन में रहते हुए वह सिर्फ सात सीटों पर लड़ी थी।''

वैसे, दोनों पार्टियों के बीच यह तय है कि दोनों तकरीबन उन सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जहां पिछली बार दोनों ने जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में दोनों अलग लड़े थे। कांग्रेस को 42 और राकांपा को 41 सीटें मिली थीं। कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के सामने एक और दिक्कत 38 सीटों के साथ छोटे दलों को संतुष्ट करने की है। वे सपा, स्वाभिमानी पक्ष, वाम दल और कुछ अन्य छोटे दलों को साथ लेना चाहती हैं। हालांकि छोटे दलों ने 38 सीटों पर असन्तुष्टि जताई है।

सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में करारी हार और अपने कई नेताओं के भाजपा-शिवसेना में जाने के बाद से बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही कांग्रेस एवं राकांपा पूरी कोशिश करेंगी कि छोटी पार्टियों को साथ लिया जाए। इस बीच, कांग्रेस जल्द ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है। उसकी पहली सूची में वर्तमान विधायक और कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण, प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता नितिन राउत, यशोमती ठाकुर विश्वजीत कदम, नाना पटोले और कई अन्य वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी की महाराष्ट्र इकाई मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा सीट से भी किसी बड़े चेहरे को उतारने की कोशिश में है।

Web Title: Assembly Election 2019 New screw stuck in seat sharing in Maharashtra, NCP wants representation in every district

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