महाराष्ट्र के हाईवे पर हादसों में कमी, वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट- मौत के मामले घटे

By हरीश गुप्ता | Published: February 22, 2021 07:54 AM2021-02-22T07:54:59+5:302021-02-22T07:54:59+5:30

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि पिछले कुछ वर्षों में सड़क सुरक्षा के मुद्दे से निपटने के लिए कई प्रयास हुए है जिसका असर देखने को मिल रहा है।

Accidents incidents decrease on Maharashtra highway, World Road Statistics report | महाराष्ट्र के हाईवे पर हादसों में कमी, वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट- मौत के मामले घटे

महाराष्ट्र के हाईवे पर हादसों में कमी (फाइल फोटो)

Highlights'वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स' की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत भारत में'वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स' की रिपोर्ट में 199 देशों का जिक्र2018 की तुलना में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में 6.09 प्रतिशत की गिरावट, मौत और घायलों के आंकड़े भी हुए कम

नई दिल्ली:महाराष्ट्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसों और हादसों में मौत के मामलों में गिरावट देखने को मिली है. 2018 की 'वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स' रिपोर्ट के मुताबिक 199 देशों में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत भारत में ही होती है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अनथक प्रयासों से स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

2018 की तुलना में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में 6.09 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. मौत और घायलों के आंकड़े भी कम हुए हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी पूनम महाजन (भाजपा) के सवालों के जवाब में पिछले सप्ताह लोकसभा में दी थी.

सड़क सुरक्षा के मुद्दे से निपटने के लिए बहुआयामी नीति

गडकरी ने आंकड़ों से अपने दावे को साबित करने की कोशिश की कि देश और महाराष्ट्र में वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाएं वर्ष 2018 की तुलना में कम हुई हैं. उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे से निपटने के लिए बहुआयामी नीति तैयार की है. गडकरी ने एक नई सोच को साकार किया है.

हर जिले में 'सांसद सड़क सुरक्षा समिति' की स्थापना की गई ताकि सड़क पर परिवहन करने वालों को जागरूक किया जा सके. समिति की अध्यक्षता जिले के सांसद को सौंपी गई है.

साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए रोड इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्लैक स्पॉट्स (जहां दुर्घटना की आशंका ज्यादा होती हो) की पहचान कर उसमें सुधार को प्राथमिकता दी जा रही है.

दुर्घटना में घायल लोगों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम

राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसों में घायल लोगों को 'गोल्डन आवर' में (हादसे के एक घंटे के भीतर) मदद के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम लांच की गई और टोल प्लाजाओं पर 550 एम्बुलेंस की तैनाती की गई.

गडकरी ने इस अवसर ज्यादा गति, शराब पीकर वाहन चलाना, रांग साइड में वाहन चलाना, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल, वाहन में गड़बड़ी, मौसम और सड़क पर लगे चिन्हों की पहचान की जानकारी नहीं होने जैसे सड़क हादसों के कारणों की सूची भी जारी की.

वर्षदुर्घटनाएं हाईवे परदुर्घटनाएं महाराष्ट्र मेंमौत/घायल राष्ट्रीय हाईवे परमौत/घायल महाराष्ट्र हाईवे पर
2017141466237 (6.53%)53181/1426223637 (2.46%)/8351 (5.86%)
20181408439355 (6.64%)54046/1406224088 (2.70%)/8457 (6.01%)
20191371918360 (6.09%)53872/1375493799 (2.51%)/7263 (5.28%)

Web Title: Accidents incidents decrease on Maharashtra highway, World Road Statistics report

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