मध्य प्रदेश: कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर लगाई रोक तो बीजेपी-कांग्रेस ने अपनाया ये फार्मूला
By योगेश सोमकुंवर | Published: May 11, 2022 05:29 PM2022-05-11T17:29:08+5:302022-05-11T17:41:39+5:30
ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव करवाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एमपी की राजनीति में सरगर्मियां बढ़ गई है. अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस वर्ग को अपना बताने के लिए नए फार्मूलें पर काम कर रहे हैं.
ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव करवाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एमपी की राजनीति में सरगर्मियां बढ़ गई है. अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस वर्ग को अपना बताने के लिए नए फार्मूलें पर काम कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने ऐलान कर दिया कि भले ही कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी हो लेकिन कांग्रेस राज्य की 27 फिसदी सीटों पर ओबीसी उम्मीदवारों को ही उतारेगी. कांग्रेस के इस ऐलान के बाद सत्तारुढ़ बीजेपी ने भी 27 फीसदी से ज्यादा टिकट ओबीसी को देने का वादा कर दिया.
कमलनाथ जी का ओबीसी के लिये बड़ा फ़ैसला :
— MP Congress (@INCMP) May 11, 2022
हमें बीजेपी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। बीजेपी ने ओबीसी आरक्षण के लिये 2 साल में कोई प्रयास नहीं किया, कोई क़ानून नहीं लाये।
कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि आने वाले निकाय चुनावों में हम 27% टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे।
— कमलनाथ pic.twitter.com/pakz0Ojhck
सुप्रीम कोर्ट का ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव का निर्देश
राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए राज्य सरकार की रिपोर्ट को आधी-अधूरी करार दिया था. कोर्ट ने साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के भीतर चुनाव घोषित करने का भी आदेश दिया है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग जहां चुनाव की तैयारियों में जुटा है को वहीं शिवराज सरकार अब भी इस मुद्दे पर आगे-पीछे होती दिख रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की भी बात कर रहे हैं. जबकि कांग्रेस राज्य सरकार पर अपना पक्ष कोर्ट में न रख पाने का आरोप लगाते हुए कह रही है कि सरकार के पास रिव्यू कराने का कोई ठोस आधार ही नहीं है.
प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस का नया दाव
कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी-कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की नाराजगी से बचने के लिए अब नया दांव खेला है. अदालत के फैसले की वजह से राजनीतिक दल भले ही चुनाव में सीटें तय करने में आरक्षण नहीं दे पा रहे लेकिन पार्टियों द्वारा दिए जाने वाले टिकट में वे अपने-अपने हिसाब से आरक्षण देने की तैयारी में जुट गई हैं.
ओबीसी आरक्षण के फैसले के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी है. वे 14 मई से मध्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के मकसद से विदेश दौरा करनेवाले थे.