LOKMAT EXCLUSIVE: मोदी ने विजयवर्गी को लगाई फटकार, परिवारवाद के सख्त खिलाफ होने के दिए साफ संकेत
By हरीश गुप्ता | Published: March 25, 2019 07:46 AM2019-03-25T07:46:46+5:302019-03-25T07:46:46+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को साफ और सख्त संदेश दे दिया है कि वह लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में परिवारवाद के सख्त खिलाफ हैं. शुक्रवार रात मध्यप्रदेश के 29 उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में तो मोदी ने इसी मुद्दे पर कैलाश विजयवर्गीय को सबके सामने फटकार लगा दी. बैठक में जैसे ही मोदी की निगाह मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय पर गई, उन्होंने नाराजगी के सुर में कहा, ''कैलाशजी, मैं आपसे बहुत नाराज हूं.
मैं इस बात को कतई नहीं भुला पा रहा हूं कि आपने अपने बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश की.'' मोदी के ऐसा कहते ही बैठक में सन्नाटा फैल गया. मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विदिशा से पत्नी के टिकट के लिए प्रयासों से भी प्रधानमंत्री नाराज हैं. गोपाल भार्गव अपने बेटे और बाबूलाल गौर अपने रिश्तेदार के टिकट के लिए प्रयासरत हैं. एक तीर से कई निशाने विजयवर्गीय को फटकार लगाकर मोदी ने एक तीर से कई निशाने साध दिए. हालांकि यह मामला पुराना हो चुका है, जब कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश में अपनी विधायक की सीट छोड़कर बेटे के नाम की सिफारिश की. उनके बेटे को इंदौर से टिकट मिला और वह बड़े अंतर से जीता भी. वैसे खुद विजयवर्गीय इस दावे के साथ इंदौर लोकसभा सीट पर उम्मीदवारी का दावा कर रहे हैं कि सुमित्रा महाजन 75 वर्ष की उम्र को पार कर चुकी हैं.
टिकट के लिए सिफारिश के बढ़ते चलन से नाराज
प्रधानमंत्री की फटकार ने शायद इस अध्याय को भी बंद कर दिया. नाराजगी की वजह प्रधानमंत्री ने इस चार माह पुराने मामले को शायद सबसे सामने इसलिए उठाया क्योंकि वह भाजपा नेताओं में अपने परिजनों की टिकट के लिए सिफारिश के बढ़ते चलन से नाराज हैं. बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, अरूण जेटली, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, जे.पी. नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव सहित अनेक नेता मौजूद थे.
शाह करेंगे फैसला
सीईसी ने मध्यप्रदेश की 14 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा को टालते हुए केवल 15 उम्मीदवार ही घोषित किए. बाकी के उम्मीदवारों का फैसला भाजपा अध्यक्ष शाह पर छोड़ दिया गया है. इससे ऐसे अनेकानेक नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है जो अपने बच्चों, रिश्तेदारों को टिकट दिलाने का सपना देख रहे थे. अब तक घोषित 300 उम्मीदवारों की सूची में एक मधुबनी सीट को छोड़कर भाजपा ने कहीं से भी किसी नेता के बच्चों या रिश्तेदारों की नई दावेदारी को भाव नहीं दिया है. मधुबनी से हुकुमदेव नारायण के बेटे अशोक यादव इस मामले में अपवाद हैं. अनुराग ठाकुर और दुष्यंत सिंह को वर्तमान सांसद होने का लाभ मिला है.