दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ को याद दिलाया चुनावी वादा, ऐसे दी शिक्षक दिवस की बधाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2019 12:27 PM2019-09-05T12:27:52+5:302019-09-05T12:27:52+5:30
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था। कांग्रेस ने कहा था कि तीन महीने के अंदर शिक्षकों को नियमित कर दिया जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए सीएम कमलनाथ को चुनावी वादे की याद दिलाई। गुरुवार को एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं। अतिथि शिक्षक व अतिथि विद्वान शिक्षकों को कांग्रेस वचन पत्र में किये गये वादों को हमें पूरा करना है। मुझे विश्वास है मा. मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी कांग्रेस वचन पत्र मे किया गया हर वचन पूरा करेंगे।'
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था। कांग्रेस ने कहा था कि तीन महीने के अंदर शिक्षकों को नियमित कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बने आठ महीने का वक्त हो चुका है लेकिन नियुक्तियां नहीं हुई हैं। शिक्षक दिवस पर मौका देखते हुए दिग्विजय सिंह ने पुराने वादे की याद दिला दी।
शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं। अतिथि शिक्षक व अतिथि विद्वान शिक्षकों को कॉंग्रेस वचन पत्र में किये गये वादों को हमें पूरा करना है। मुझे विश्वास है मा मुख्य मंत्री श्री कमल नाथ जी कॉंग्रेस वचन पत्र मे किया गया हर वचन पूरा करेंगे।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 5, 2019
एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष पर घमासान
प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। राज्य की राजनीति पर हावी ज्योतिरादित्य का खेमा, दिग्विजय सिंह का खेमा और कमलनाथ का खेमा अपना प्रदेश बनवाना चाहता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का दिग्विजय सिंह खुला विरोध कर रहे हैं, उन्होंने नेतृत्व को संकेत दिए हैं कि यदि सिंधिया को अध्यक्ष बनाया गया तो कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी।
वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना कर साफ कर दिया कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उनके समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे। सिंधिया ने अपने इस दबाव को सही साबित करने के लिए अपने समर्थकों से इस आशय के बयान भी जारी करा दिए हैं।
दूसरी ओर, तीसरे खेमे की रूप में काम कर रहे कमलनाथ अपने प्रबल समर्थक बाला बच्चन को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं। अभी तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कमलनाथ के पास है। तीनों खेमों की आपसी लड़ाई इतनी गहरी हो गई है कि सोनिया गांधी के लिए कोई फैसला लेना कठिन हो गया है।