देव मुरारी बापू ने दी कमलनाथ सरकार को चेतावनी, कहा- सोमवार को आवास के बाहर करूंगा आत्महत्या
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 18, 2019 08:51 PM2019-08-18T20:51:31+5:302019-08-18T20:51:31+5:30
देव मुरारी बापू ने यह चेतावनी आज राजधानी में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी है. बापू ने कहा कि कांग्रेस के लिए मैंने चुनाव के दौरान प्रचार किया, उस वक्त नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वे उनका मान सम्मान रखेंगे
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए अब फिर एक बाबा संकट बन गए हैं. इस बार कथा वाचक देव मुरारी बापू ने कमलनाथ सरकार के चेतावनी दी है कि उनका मान-सम्मान नहीं रखा गया तो वे कल सोमवार को मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्महत्या कर लेंगे. बापू की इस चेतावनी के बार सरकार की चिंता बढ़ गई है.
देव मुरारी बापू ने यह चेतावनी आज राजधानी में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी है. बापू ने कहा कि कांग्रेस के लिए मैंने चुनाव के दौरान प्रचार किया, उस वक्त नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वे उनका मान सम्मान रखेंगे, मगर सरकार बनने के बाद अब उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए प्रचार करने के बाद अब उनके प्रवचन सुनने के लिए लोग भी कम आने लगे हैं, इस कारण वे संकट के दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे पहले भी धर्मस्य मंत्री पी.सी.शर्मा के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं. उन्होंने मुलाकात में 15 अगस्त तक उन्हें मान-सम्मान न दिए जाने पर कुछ भी कदम उठाने की बात मुख्यमंत्री से कही थी.
इस दौरान उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया था कि आप इंतजार करें. बाबा बनना चाहते हैं गौ संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष कथावाचक देव मुरारी बापू ने गौ संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनने की बात कही थी. इस पर धर्मस्य मंत्री पी.सी.शर्मा ने कहा कि राज्य के गौ संवर्धन बोर्ड अस्तित्व में नहीं है. इस वजह से उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बनाया ही नहीं जा सकता. शर्मा ने कहा कि मैंने बाबा को पत्र लिखकर आश्वस्त किया है कि वे जल्दबाजी न करें उन्हें सरकार में मान-सम्मान दिया जाएगा.
मंत्री शर्मा ने यह स्वीकार किया कि वे बाबा को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले थे. इस मुलाकात में भी बाबा को आश्वस्त किया था कि उन्हें सरकार में एडजस्ट किया जाएगा. बाबाओं के कारण मुश्किल में कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के बाद से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के लिए बाबा परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं.
पहले कम्प्यूटर बाबा ने सरकार को परेशानी में डाला था, इसके बाद उन्हें नर्मदा न्यास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, मगर उनकी हेलीकाप्टर की मांग अब भी सरकार ने पूरी नहीं की है, जिसके चलते वे कई बार अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं. इसके अलावा मिर्ची बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले वैराग्यनंद स्वामी की जलसमाधी को लेकर भी संकट सरकार पर गहराया था. बाबा ने लोक सभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जीत न होने पर जल समाधी लेने की बात कही थी.
सिंह को हार मिली तो उन पर जल समाधी के लिए दबाव बना, इसके चलते वे कुछ दिन अज्ञातवास में रहकर प्रकट हुए और जलसमाधी लेने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी. जैसे-तैसे सरकार ने उन्हें समझाया था, अब कथावाचक देव मुरारी बापू ने कमलनाथ सरकार को संकट में डाला है. वे सोमवार को क्या कदम उठाते हैं, यह तो कहा नहीं जाता, मगर राज्य के धर्मस्य मंत्री पी.सी.शर्मा आज से ही उन्हें समझाने में जुटे हैं, मगर बाबा नहीं मान रहे हैं.