छिंदवाड़ा : 300 साल पुरानी परपम्परा गोटमार में 400 लोग घायल

By भाषा | Published: August 31, 2019 11:20 PM2019-08-31T23:20:14+5:302019-09-01T05:49:35+5:30

जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने बताया की दोनों गांवों के लोगों के बीच समझौता कर शान्ति पूर्ण तरीके से मेले का समापन हुआ। गोटमार मेले के दौरान 12 लोग गंभीर तौर पर घायल हैं और इनका पांढुर्ना के स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज किया जा रहा है।

400 people injured during traditional Gotmar fair in Chhindwara district | छिंदवाड़ा : 300 साल पुरानी परपम्परा गोटमार में 400 लोग घायल

छिंदवाड़ा : 300 साल पुरानी परपम्परा गोटमार में 400 लोग घायल

छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पांढुर्ना में विश्वप्रसिद्ध मेले में शनिवार को गोटमार खेल खेला गया। इस गोटगार खेल में जाम नदी के किनारे पर स्थित दो गांवों के लोग लगभग 300 वर्ष पुरानी परपम्परा के मुताबिक एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं और इसे ‘‘गोटमार’’ कहा जाता है। इस दौरान करीब 400 लोग घायल हो गए।

जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने बताया की दोनों गांवों के लोगों के बीच समझौता कर शान्ति पूर्ण तरीके से मेले का समापन हुआ। गोटमार मेले के दौरान 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से 12 गंभीर तौर पर घायल हैं और इनका पांढुर्ना के स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज किया जा रहा है जबकि अन्य मामूली तौर पर घायलों को प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराई गई। उन्होंने कहा कि दो लोगों की आंखों में चोट आई है।

जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को इस आयोजन को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गईं। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए 800 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। इसके साथ पांढुर्ना और सावरगांव में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कैम्प तथा 10 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को भी मौके पर तैनात रखा गया था। पूरे आयोजन को सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे के माध्यम से रिकॉर्ड किया गया।

पुलिस ने बताया कि शनिवार को जाम नदी पर पांढुर्ना और सांवरगांव के लोगों ने वर्षों पुरानी गोटमार मेले की परंपरा को निभाते हुए मां चंडिका के चरणों में माथा टेककर एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए। गोटमार मेले में अभी तक सांवरगांव ही जीतता आया है लेकिन इस बार सात वर्ष बाद पांढुर्ना गांव के लोगों ने जाम नदी में जाकर झंडा तोड़कर विजय हासिल की।

ऐसा कहा जाता है कि पांढुर्ना के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध था। एक दिन प्रेमी युवक ने सांवरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्ना लाना चाहा। जैसे ही दोनों जाम नदी के बीच पहुंचे तो सांवरगांव के लोगों को खबर लगी और प्रेमीयुगल को रोकने के लिये उन पर पत्थर बरसाए, जबकि पांढुर्ना के लोगों ने इसके विरोध में पथराव किया।

इसके बाद दोनों गांव के बीच परम्परागत तौर पर पत्थरों से खेलने का युद्ध हर वर्ष मनाया जाता है और इसे देखने महाराष्ट्र सहित अन्य दूर दूर स्थानों से लोग यहां आते हैं। लोग यहां घरों और दुकानों की छतों पर चढ़कर मेले का आनंद लेते हैं। यह खेल शाम तक खेला जाता है। प्रशासन द्वारा इस खूनी खेल को रोकने के लिये कई बार प्रयास किये गये लेकिन अब तक सभी प्रयास असफल रहे हैं।

Web Title: 400 people injured during traditional Gotmar fair in Chhindwara district

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