एशियन गेम्स: मिलिए उस भारतीय महिला कोच से, जिसने लिखी कबड्डी में भारत की बादशाहत खत्म करने की पटकथा

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 25, 2018 11:56 AM2018-08-25T11:56:37+5:302018-08-25T13:00:53+5:30

Shailaja Jain: एक 62 वर्षीय भारतीय महिला शैलजा जैन ने तैयार की थी कबड्डी में भारत की बादशाहत खत्म करने की योजना

Asian Games: Shailaja Jain, a 62-year old indian, who wrote script of India's Kabaddi Downfall | एशियन गेम्स: मिलिए उस भारतीय महिला कोच से, जिसने लिखी कबड्डी में भारत की बादशाहत खत्म करने की पटकथा

ईरान ने भारत को हराते हुए महिला और पुरुष दोनों के गोल्ड जीते

जकार्ता, 25 अगस्त: 1990 में कबड्डी के पहली बार एशियन गेम्स का हिस्सा बनने के बाद ये पहली बार है जब भारत बिना गोल्ड के लौटेगा। सात बार की चैंपियन भारतीय पुरुष टीम को गुरुवार को ईरान के हाथों सेमीफाइनल में हार के बाद ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा तो शुक्रवार को फिर से ईरान ने ही भारतीय महिला टीम को 27-24 से हराते हुए कबड्डी में अजेय रहे भारत की बादशाहत खत्म कर दी। 

कबड्डी में भारत के इस दिल तोड़ने वाले प्रदर्शन की वजह हैं 62 वर्षीय एक भारतीय, जिन्होंने ईरान की जीत की पटकथा लिखी। इनका नाम है शैलजा जैन जो महाराष्ट्र के नासिक से हैं। शैलजा ने करीब तीन दशक तक महाराष्ट्र के सैकड़ों बच्चों को कबड्डी की कोचिंग दी लेकिन उन्हें कभी भारत का कोच बनने का मौका नहीं मिल पाया, ये बात उन्हें अब भी सालती है। 

इसलिए जब पिछले साल शैलजा को ईरान ने अपनी महिला टीम को कोचिंग देने का प्रस्ताव दिया तो तो उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और एशियन गेम्स में ईरान के पुरुष और महिला दोनों टीमों के गोल्ड जीतने से अपनी काबिलियत भी साबित कर दी। ं

ईरान की महिला टीम को गोल्ड जीतने से खुश शैलजा ने आंसू पोंछते हुए रॉयटर्स से कहा, 'जब मैं पहली बार ईरान गई तो मेरा मिशन ये साबित करना था कि मैं सर्वश्रेष्ठ कोच हूं और अब हमारे पास परिणाम है।' 

शैलजा ने कहा, 'फाइनल से पहले मैंने लड़कियों से कहा था कि मुझे बिना गोल्ड के वापस भारत मत भेजना और मैच के बाद, वे मेरे पास आईं और कहा मैडम, हमने आपको वह तोहफा दिया है जो आप चाहती थीं।'

शैलजा ने शुरू में ईरान के कोच बनने का ऑफर ठुकरा दिया था लेकिन जब दोबारा बेहतर प्रस्ताव मिला तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने ईरानी खिलाड़ियों को योगा और प्राणायाम सिखाया, और टीम से बातचीत करने के लिए पर्शियन सीखी।

शैलजा ने कहा, 'ईरान पहुंचने के बाद मैं जो सबसे पहला काम किया वह था कबड्डी वॉट्सऐप ग्रुप शुरू करना। हर सुबह मैं प्रेरणात्मक संदेश साझा करती थी, एक लड़की इस संदेश को बाकियों के लिए ट्रांसलेट करती थी।'

उन्होंने कहा, 'शुरू में मैंने 42 लड़कियों से सफर शुरू किया और फिर छंटनी करते हुए अब इसमें मुझे मिलकर 13 सदस्य हैं।'

फाइनल में जब भारत ईरान से 13-11 से आगे था तो शैलजा अपना खिलाड़ियों को टिप्स देती नजर आईं। दूसरे हाफ में ईरानी लड़कियों ने जोरदार वापसी करते हुए मुकाबला 24-27 से अपने नाम कर लिया।

शैलजा जैन ने कहा, 'मैं दुखी हूं कि भारत हार गया। किसी अन्य भारतीय की तरह मैं भी अपने देश को प्यार करती हूं। लेकिन मैं कबड्डी को भी प्यार करती हूं और इस टीम की कोच होने के नाते, मेरे दिमाग में सिर्फ ईरान था।'

जैन ने कहा कि उनका मुख्य फोकस ईरानी टीम के रक्षण की क्षमता सुधारना था। उन्होंने कहा, हर कोई रेडर बनना चाहता था, 'कोई भी डिफेंडर नहीं बनना चाहता था। उनकी पकड़ने की तकनीकी पूरी तरह गलत थी। हमने आज अच्छा किया लेकिन ये अब भी बेहतरीन नहीं है।'

महिला टीम के बाद ईरान की पुरुष टीम ने भी फाइनल में कोरिया को 26-16 से हारते हुए गोल्ड मेडल जीता। 

शैलजा जैन का ईरान के साथ करार एशियन गेम्स के साथ खत्म हो रहा है और उन्होंने कहा कि वह भविष्य में किसी और टीम को कोचिंग देने के बारे में सोच रही हैं। ये पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब भारत है, उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। 

Web Title: Asian Games: Shailaja Jain, a 62-year old indian, who wrote script of India's Kabaddi Downfall

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