UPSC पास किए बिना बन सकेंगे मोदी सरकार में 'बड़ा अफसर', न्यूनतम उम्र 40 साल
By धीरज पाल | Published: June 10, 2018 04:37 PM2018-06-10T16:37:55+5:302018-06-10T16:41:46+5:30
सरकार द्वारा तय मानदंडों के मुताबिक आवदेक की आयु 1 जुलाई को 40 वर्ष तक होनी चाहिए। आवेदक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातक होना चाहिए।
नई दिल्ली, 10 जून: बड़े अधिकारी बनने का सपना अब जल्द ही पूरा होने वाला है। इसके लिए आपको यूपीएससी की परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा। जी हां, मौजूदा सरकार ने नौकरशाही नौकरी में एक बड़ा बदलाव किया है। यह नियम सिर्फ सरकारी क्षेत्र में नहीं बल्कि प्राइवेट क्षेत्र में काम करने वालों पर लागू होता है। प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे बड़े अधिकारी अब सरकार का हिस्सा बन सकेंगे। यह कार्य लैटरल एंट्री स्कीम के तहत की जाएगी। लैटरल एंट्री स्कीम के तहर इसकी अधिसूचना जारी कर दिया गया है। यह एक जुलाई से लागू किया जाएगा।
सरकार द्वारा तय मानदंडों के मुताबिक आवदेक की आयु 1 जुलाई को 40 वर्ष तक होनी चाहिए। आवेदक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातक होना चाहिए। यदि आवेदक उच्च क्लालिफिकेशन है तो उसे अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इन आवेदकों को पहले तीन साल तक के लिए नियुक्त किया जाएगा अगर सरकार चाहेगी तो पांच साल तक अनुबंध भी बढ़ा सकती है। चयन होने के बाद आवेदकों को1.44 लाख रुपये प्रति माह 2.18 लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा और केंद्र सरकार में समकक्ष स्तर पर लागू भत्ते और सुविधाएं भी मिलेंगी।
10 विभागों के लिए ऐसे होगा चयन
लैटरल एंट्री अधिसूचना के मुताबिक राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक मामलों, कृषि, सड़क परिवहन, नौवहन, पर्यावरण और वन, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य हैं। चयन की प्रक्रिया इंटरव्यू से शुरू होगा। यह इंटरव्यू कैबिनेट सेक्रटरी द्वारा नियुक्ति कमिटी करेगी। योग्यता के अनुसार सामान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल काम का अनुभव रखने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन दे सकते हैं।