सोफिया रोबोट की धमकी क्या सच साबित होने वाली है?
By विकास कुमार | Published: April 20, 2019 02:07 PM2019-04-20T14:07:45+5:302019-04-20T14:07:45+5:30
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे तकनीक ने जॉब मार्केट में कोहराम मचा दिया है. नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक टेक जॉब की संख्या इस साल 3 लाख से घटकर 2.5 लाख तक आ जाएगी. पलक झपकते ही नौकरियां गायब हो जा रही हैं.
दुनिया 21 वीं शताब्दी के खुमार में तेज़ी के साथ दौड़ रही है. नित नए तकनीकों के आगमन ने हमारी ज़िन्दगी को आरामदायक बनाने का काम किया है. लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, तकनीक के सर्वोच्च शिखर पर बैठने के कारण आज हमारी नौकरियां मशीनों के भेट चढ़ रही हैं.
सऊदी अरब की नागरिकता रखने वाली सोफिया रोबोट ने दुबई के एक कार्यक्रम में यह कह कर सबको चौंका दिया था कि उसका मकसद इंसानी नौकरियों को रिप्लेस करना है. यह कहते ही उसने ये संकेत दे दिए थे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य की नौकरियों के लिए खतरा साबित हो सकता है.
जॉब मार्केट का हाल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे तकनीक ने जॉब मार्केट में कोहराम मचा दिया है. नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक टेक जॉब की संख्या इस साल 3 लाख से घटकर 2.5 लाख तक आ जाएगी. पलक झपकते ही नौकरियां गायब हो जा रही हैं. टेक कंपनियां लगातार उस काम को ऑटोमेशन के हवाले कर रही हैं जिनमें दोहराव की जरुरत पड़ती हैं.
इनफ़ोसिस, विप्रो, और टीसीएस देश की जानी मानी टेक कम्पनियां हैं. सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और इनिशियल कोडिंग को बहुत ही तेज़ी के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हवाले कर रहीं हैं. इससे कंपनियों को दो फायदा हो रहा हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन
एक तो उन्हें कॉस्ट कटिंग करने में आसानी हो रही हैं और काम पहले से ज्यादा तेज़ी से हो रहा हैं. भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की रफ़्तार अभी अमेरिका और यूरोप के मुकाबले थोड़ी धीमी है, धीरे-धीरे ही सही लेकिन ऑटोमेशन ने जॉब की रफ़्तार को कुछ हद तक जरूर थामा है.
भारत में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल आज सबसे ज्यादा एआई के कारण प्रभावित हुए हैं.
नैसकॉम की रिपोर्ट
नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक देश के आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या 2022 तक 7-10 % तक कम होने की सम्भावना है.आईटी सेक्टर में फिलहाल 39 लाख लोग काम करते हैं. जबकि 2025 तक इस सेक्टर का राजस्व 22 लाख करोड़ के आसपास पहुँच जायेगा.
इसका सीधा मतलब है कि कर्मचारियों की संख्या घटेगी लेकिन आईटी इंडस्ट्री का राजस्व अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच जायेगा. ऑटोमेशन की बदौलत कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ेगा जबकि इसी समय कर्मचारियों की छटनी भी होगी.
गार्टनर की रिपोर्ट
ऐसा नहीं है कि मशीनें केवल जॉब छिनेंगी. दुनिया कि जानी मानी रिसर्च संस्था गार्टनर के मुताबिक साल 2020 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण 23 लाख नए जॉब मार्केट में आएंगे और इसी समय 18 लाख जॉब एआई के कारण जायेंगे. एआई फिलहाल देखा जाये तो हमारे लिए घाटे का सौदा नहीं है.
तमाम रिसर्च और रिपोर्ट के मुताबिक ऑटोमेशन के कारण जॉब मार्केट में ऐसे नए जॉब आएंगे जिनमे ख़ास तरह के स्किल कि जरुरत पड़ेगी. आपको केवल नए स्किल सीखने की जरुरत है और आपकी नौकरी सुरक्षित है.
एलोन मस्क और बिल गेट्स की चेतावनी
एलोन मस्क और बिल गेट्स जैसी शख्सियत ने अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर लोगों को सतर्क किया है. मानव चेतना पर मशीन का राज कहीं न कही समाज के लिए घातक होगा. हाल ही में दुनिया की पहली लिविंग रोबोट सोफिया ने लिस्बन के एक वेब कॉन्फ्रेंस में खुले मंच पर कहा कि हम आपकी जॉब छीनेंगे.
एआई से डरने कि जरुरत नहीं है बल्कि इसको साधने कि जरुरत है. दुनिया आज चौथी औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़ी है. तकनीक के इस दौर में हमें नए तकनीकों के साथ कदमताल करना होगा और इसका सकारात्मक इस्तेमाल करना होगा.