Railway Recruitment 2020: रेल कारखानों में कार्यरत कर्मचारियों की छंटनी का फैसला टला, नई भर्तियों की संख्या में होगी कमी
By ज्ञानेश चौहान | Published: February 26, 2020 12:32 PM2020-02-26T12:32:15+5:302020-02-26T12:32:15+5:30
केंद्र सरकार का कहना है कि निजी कंपनियों द्वारा ठेके पर कर्मचारी रखने से सुधार कार्यक्रम आसानी से लागू किया जा सकेगा। सरकार ने ऐसा आश्वासन दिया है कि निजी हाथों में रेलवे की इकाइयों को सौंपने के बावजूद कर्मचारियों पर छंटनी का खतरा नहीं होगा।
रेलवे मंत्रालय ने देशभर में आठ से अधिक फैक्ट्रियों, उत्पादन इकाइयों और मरम्मत वर्कशॉप में नई भर्तियों की संख्या में कमी लाने का फैसला किया है। रेलवे ने इनमें कर्मचारियों की मौजूदा संख्या 60 फीसदी घटाने का लक्ष्य तय किया है। इन खाली पदों पर भर्ती के बजाए अब निजी कंपनियों द्वारा ठेके पर कर्मचारी रखे जाएंगे।
केंद्र सरकार का कहना है कि निजी कंपनियों द्वारा ठेके पर कर्मचारी रखने से सुधार कार्यक्रम आसानी से लागू किया जा सकेगा। निजी हाथों में रेलवे की इकाइयों को सौंपने के बावजूद कर्मचारियों पर छंटनी का खतरा नहीं होगा।
आपको बता दें कि पिछले साल से सरकार ने रेलवे में निजीकरण-निगमीकरण को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। इस वजह से रेलकर्मियों में भारी रोष, प्रदर्शन देखने को मिला। यूनियन के सख्त रवैये के चलते रेलवे ने कार्यरत कर्मचारियों को छेड़ने का फैसला नहीं किया है।
सरकार का ऐसा मानना है कि रेल के कोच, वैगन, इंजन के उत्पादन व मरम्मत का कार्य आउटसोर्सिंग से करवाने पर सुधार के तहत इसके प्रतिशत में कुछ बढ़ोतरी होने की संभवाना है।