खुशखबरी! एनसीटीई ने किया संशोधन, BEd पास अभ्यार्थी भी बनेंगे प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक
By धीरज पाल | Published: July 4, 2018 01:08 PM2018-07-04T13:08:44+5:302018-07-04T13:08:44+5:30
साल 2010 में एक जारी अधिसूचना में बीएड डिग्रीधारकों को सिर्फ उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ही आवेदन कर सकते थे, इस अधिसूचना में संशोधन होने से उनके लिए प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनने का द्वार भी खुल गया है।
नई दिल्ली, 4 जुलाई: उत्तर प्रदेश के बीएड डिग्रीधारकों के लिए एक खुशखबरी है। यूपी के लगभग लाखों बीएड पास अभ्यार्थियों के पास शिक्षक बनने का सुनहरा मौका है। दरअसल, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक बनने की अर्हताओं को संशोधित किया है। संशोधन करते हुए एनसीटीई ने प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनने के लिए बीएड डिग्री को भी शामिल कर लिया है। इस संशोधन के बाद बीएड डिग्रीधारक अभ्यार्थी भी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बन सकेंगे।
बता दें कि साल 2010 में एक जारी अधिसूचना में बीएड डिग्रीधारकों को सिर्फ उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ही आवेदन कर सकते थे, इस अधिसूचना में संशोधन होने से उनके लिए प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनने का द्वार भी खुल गया है।
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मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में बीएड की करीब दो लाख सीटें हैं। एनसीटीई के इस संशोधन के बाद बीएड पास अभ्यार्थियों में खुशी का महौल है। इससे पहले एनसीटीई द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती के लिए योग्यता दो वर्षी डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर देने से बीएड डिग्रीधारियों में गहरी निराशा थी। इस संशोधन के बाद बीएड पास अभ्यार्थी भी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा सकेंगे।
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बता दें कि प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने के लिए अभ्यार्थियों को ग्रेजुएशन में कुल 50 फीसदी अंक होना जरूरी है साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों के लिए छह महीने का ब्रिज कोर्स पास करना जरूरी होगा। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए बीएड के साथ-साथ टीईटी भी आवश्यक होगा।
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