भारत में 5 सेक्टर जहां भविष्य में पैदा होंगी सबसे ज्यादा नौकरियां
By विकास कुमार | Published: April 19, 2019 05:40 PM2019-04-19T17:40:42+5:302019-04-19T17:40:42+5:30
नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 तक रियल-एस्टेट क्षेत्र में 1.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी. 2022 तक इस क्षेत्र को 66 मिलियन लोगों की जरूरत होगी.
नित नए तकनीकों के आगमन से नौकरियों का स्वरूप लगातार बदल रहा है. कल तक जिन नौकरियों को लोग कर रहे थे आज उसे मशीन कर रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के इस दौर में परंपरागत नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.
ऐसे में देश में वो कौन से क्षेत्र होंगे जो सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा करेंगे इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए ताकि खुद को उस अनुरूप तैयार किया जा सके. डिजिटल इंडिया की सफलता ने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर को एक बार फिर हॉट डेस्टिनेशन के रूप में सामने लाया है.
1. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर- 2014 के सितम्बर में पीएम मोदी ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम लांच किया था. इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश के कारण ही किसी भी देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है. मोदी सरकार में पिछले साढ़े चार वर्षों में 33,361 किमी हाईवे रोड का निर्माण हुआ है.
नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 तक रियल-एस्टेट क्षेत्र में 1.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी. 2022 तक इस क्षेत्र को 66 मिलियन लोगों की जरूरत होगी.
भारत सरकार ने 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को 400 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में इस सेक्टर में भारी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद जताई जा रही है. भारत सरकार ने इस क्षेत्र में 2025 तक 1 करोड़ रोजगार पैदा होने की उम्मीद जताई है.
2. इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)- सूचना तकनीक ने भारत की पहचान को अन्तर्रष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया है. देश की अर्थव्यवस्था में paradigm shift का श्रेय आईटी क्षेत्र को ही जाता है. भारत की सुस्त अर्थव्यवस्था को सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए आईटी का योगदान अतुलनीय है.
IBEF की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 तक आईटी सेक्टर 225 बिलियन डॉलर के आंकड़ें को पार कर जाएगा. एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 3 साल में 10 लाख रोजगार आईटी क्षेत्र से संबंधित क्षेत्रों में पैदा होगी.
नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोगों की संख्या 3 करोड़ से ज्यादा होगी. इसके साथ ही यह क्षेत्र भारत में सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टवेयर आउटसोर्सिंग का राजस्व 2.5 बिलियन डॉलर अगले 2 वर्षों में हो जायेगा.
3. टेलिकॉम- भारत का दूरसंचार विभाग लगातार बुलंदियों को छू रहा है. जिन्नोव की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फिलहाल 850 मोबाइल यूजर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अकेले 2019 में स्मार्टफोन रखने वालों की संख्या 650 मिलियन को पार कर जाएगी.
बढ़ते स्मार्टफोन के कारण ई-कॉमर्स सेक्टर और सर्विस सेक्टर की तमाम कंपनियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है. फोर्ब्स मैगज़ीन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक मोबाइल इन्टरनेट और डिजिटल पेमेंट के कारण देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 1 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जायेगा.
4. लॉजिस्टिक- जीएसटी के लागू होने के बाद लॉजिस्टिक सेक्टर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ई-वे बिल के जारी होने के बाद हाईवे पर थम जाने वाले गुड्स गाड़ियाँ अब सड़पट दौड़ रही हैं.
टीमलीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 तक लॉजिस्टिक सेक्टर में अकेले 30 लाख रोज़गार पैदा होंगे. सड़क परिवहन मंत्री द्वारा वाटरवे के निर्माण पर बहुत जोर दिया जा रहा है.
अभी यह क्षेत्र 1 करोड़ 90 लाख रोज़गार मुहैया करवा रहा है. नए पैदा होने वाले 3 मिलियन जॉब में अकेले 1 मिलियन ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक क्षेत्र में पैदा होगा. 2020 तक भारत का लॉजिस्टिक क्षेत्र 215 बिलियन डॉलर को पार कर जायेगा.
5. हेल्थकेयर : भारत में स्वास्थय पर फिलहाल कुल जीडीपी का 1.4 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है. सरकार इसे 2025 तक 2.5 प्रतिशत करना चाहती है. 2020 तक भारत का हेल्थकेयर सेक्टर 280 बिलियन डॉलर को पार कर जायेगा.
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2050 तक भारत की वृद्ध आबादी कुल जनसंख्या के 19 प्रतिशत हो जाएगी जिसके कारण इस सेक्टर में रोज़गार के मौके बड़े पैमाने पर बढ़ेंगे. हेल्थ सेक्टर में नए स्टार्टअप खुलने के कारण स्वास्थय सेवाएं लोगों तक तेजी के साथ पहुंच रहे हैं.
आयुष्मान भारत के जरिये केंद्र सरकार ने 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख तक निशुल्क स्वास्थय सेवा मुहैया करवाया है जिसके कारण इस क्षेत्र में रोज़गार की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.