डेटा एनालिस्ट की मांग तेजी से बढ़ेगी, शुरुआती सैलेरी होगी 30 से 50 हजार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 6, 2019 02:24 AM2019-01-06T02:24:44+5:302019-01-06T02:24:44+5:30
डेटा एनालिस्ट के रूप में काम करते हुए शुरूआती दिनों में ही आसानी से 30-50 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है. पाँच से छह साल के अनुभव के बाद यह वेतन लाख रुपए तक पहुँच जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 तक भारत में डेटा एनालिसिस का कारोबार 3 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. तकनीकी के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आज बिजनेस का काम जितना आसान हो गया है, उतना ही उसका डेटा भी बढ़ गया है. ऐसे में इस डेटा को सहेजना और उसका व्यवस्थित तरीके से विेषण करना बहुत चुन.तीपूर्ण काम होता जा रहा है. डेटा एनालिसिस की इन्हीं चुन.तियों से निपटने का कार्य करते हैं डेटा एनालिसिस के एक्सपर्ट जिन्हें डेटा एनालिस्ट के नाम से जाना जाता है.
डेटा एनालिस्ट उन पेशेवरों को कहा जाता है, जिनके पास प्रोग्रामिंग, स्टैटिस्टिक्स, एप्लाइड मैथेमेटिक्स और कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी होती है. इनके पास किसी भी तरह के डेटा को बेहतर तरीके से विजुअलाइज करने की विलक्षण क्षमता होती है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेटा एनालिस्ट को डेटा माइनर्स के नाम से संबोधित करता है. कॉरपोरेट जगत में इन्हें डेटा एनालिस्ट और डेटा साइंटिस्ट के नाम से भी जाना जाता है. डेटा एनालिस्ट विभिन्न सेक्टरों द्वारा दिए गए उलझाऊ और जटिल डेटा में से अहम जानकारियों को बारीकी से खंगालते हैं. वे यह भी पता लगाते हैं कि किस वजह से कंपनी की स्थिति में गिरावट आ रही है या कंपनी के लिए कौनसा नया उपक्रम लाभकारी होगा.
वर्तमान समय में लोगों का काफी समय सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स जैसी वेबसाइट्स पर जाता है. इनके अलावा आज अधिकांश बड़ी कंपनियाँ अपने को मार्केट में बनाए रखने के लिए इंटरनेट फ्रेंडली बन रही हैं. इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल और कम्प्यूटर तथा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन से डेटा का दायरा काफी विस्तृत हो गया है, जिसे सहेज कर रखना और उसका सही एनालिसिस करना बेहद आवश्यक हो गया है. डेटा का सही एनालिसिस करके ही कंपनी अपने कस्टमर की पसंद-नापसंद को समझ पाती हैं और उसमें सुधार तथा संशोधन करते हुए अपने बिजनेस को नया आयाम दे सकती हैं. इस वजह से डेटा एनालिसिस के लिए डेटा एनालिस्ट की माँग काफी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में डेटा एनालिस्ट बनकर युवा अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं.
डेटा एनालिस्ट बनने के लिए यह जरूरी है कि युवाओं को डेटा एनालिसिस करने के साथ-साथ मैथेमेटिक्स व स्टैटिस्टिक्स की जानकारी हो और बिजनेस की अच्छी समझ हो, क्योंकि डेटा के विेषण का मुख्य मकसद बिजनेस को बेहतर बनाना होता है. ऐसे में बिजनेस की अच्छी समझ होगी, तभी बेहतर डेटा एनालिसिस किया जा सकेगा. डेटा साइंस एक ऐसा क्षेत्र है जो अपने नएपन और कार्य की प्रकृति के कारण युवाओं में काफी कम समय में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो गया है. यह एक ऐसा विज्ञान है, जो आँकड़ों के माध्यम से आज की वस्तुस्थिति का आकलन करते हुए भविष्य का संभावित रास्ता बताता है.
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, सही तरह के डेटा जुटा लेना ही सफलता के लिए पर्याप्त नहीं है, अपितु आपकी सफलता ऐसा एनालिटिकल टूल विकसित करने में है, जो कारोबारी नतीजों पर फोकस करता हो. कई कंपनियों ने अपने ग्राहक संबंधी डेटा के व्यापक संग्रहण और विष्लेषण के बाद कंपनी के नतीजों में चत्मकारिक सुधार किए हैं. गूगल और अमेजन डेटा माइनिंग के जरिए अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों को जबरदस्त चुनौती दे रहे हैं. उन्हें अपने हर एक ग्राहक के बारे में सटीफ जानकारी है और वे यह भी जानते हैं कि उनके ये ग्राहक अपनी शुरुआत क्लिकिंग में साइट पर जाते हैं या अपने क्रेडिट कार्ड अथवा डेबिट कार्ड द्वारा कौनसे सामान की ज्यादा खरीदारी करते हैं.
डेटा साइंस का विकास बिजनेस नॉलेज, कम्प्यूटर साइंस और स्टैटिस्टिक्स के मेल से हुआ है. डेटा साइंस में आनकड़े के विेषण को तीन भागों में बांटा जाता है. पहले डेटा ऑगेर्नाइज किया जाता है, फिर डेटा की पैकेजिंग की जाती है और अंत में डेटा की डिलीवरी की जाती है. डेटा को कलेक्ट करने और उसे स्टोर करने से जुड़ा कार्य डेटा ऑगेर्नाइजेशन के तहत आता है. डेटा एनालिस्ट बनने के लिए मैथेमेटिकल की अच्छी नॉलेज जरूरी है. डेटा एनालिस्ट के लिए बिजनेस एनालिटिक्स से संबंधित कोर्स करना जरूरी है, जिसके लिए इंजीनियरिंग अथवा मैथेमेटिक्स या स्टैटिस्टिक्स में बैचलर डिग्री होना जरूरी है. मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स के साथ बी.एससी. या एम.एससी. या इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक की डिग्री रखने वाले आवेदक इसके लिए योग्य होते हैं. एडवांस्ड सर्टिफिकेट और एडवांस्ड प्रोग्राम जैसे कुछ प्रोग्राम के लिए इंजीनियरिंग या मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स में बैचलर डिग्री या मास्टर डिग्री होने के साथ-साथ दो वर्ष का अनुभव भी चाहिए. विभिन्न संस्थान प्रवेश परीक्षा आयोजित करको दाखिला देते हैं.
डेटा एनालिसिस के लिए देश में कई संस्थानों द्वारा बिजनेस एनालिटिक्स स्पेशलाइजेशन में शॉर्ट टर्म कोर्स कराए जा रहे हैं. लेकिन हाल ही में आईआईएम कोलकाता तथा आईआईटी खडगपुर ने मिलकर दो वर्षीय फुलटाइम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एनालिटिक्स प्रोग्राम की शुरूआत की है. इसके अलावा जो अन्य कोर्स हैं वे हैं-एडवांस्ड सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन बिजनेस एनालिटिक्स,एडवांस्ड बिजनेस एनालिटिक्स एंड बिजनेस ऑप्टिमाइजेशन प्रोग्राम, मास्टर्स इन मैनेजमेंट (टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड बिजनेस एनालिटिक्स), पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन मार्केट रिसर्च एंड डेटा एनालिटिक्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एनालिटिक्स, डेरा एनालिसिस का कोर्स करने के उपरांत निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर हैं-डेटाबेस एंड इंफॉर्मेशन इंटिग्रेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, सोशल और इंफॉर्मेशन नेटवर्क, वेब इंफॉर्मेशन एक्सेस, बिजनेस डेटा एनालिसिस. डेटा एनालिस्ट की माँग देश के कारोबारी तबकों में बहुत तेजी से बढ़ रही है, परंतु उनकी जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. इसका एक कारण डेटा साइंस के बारे में युवाओं के बीच जागरूकता की भारी कमी है तो दूसरा कारण इस विषय को पढ़ाने वाले संस्थानों की कम संख्या है.
आईआईएम तथा आईआईटी के अलावा डेटा एनालिसिस का कोर्स देश के कुछ ही निजी संस्थानों में चलाया जा रहा है. डेटा साइंस में विशेषज्ञता हासिल कर आप डेटा एनालिस्ट, सीनियर इंफॉर्मेशन एनालिस्ट, इंफॉर्मेशन ऑफिसर, डेटा ऑफिसर, सॉफ्टवेयर टेस्टर, सपोर्ट एनालिस्ट और बिजनेस एनालिस्ट आदि पदों पर नियुक्ति पा सकते हैं.
डेटा एनालिस्ट के रूप में काम करते हुए शुरूआती दिनों में ही आसानी से 30-50 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है. पाँच से छह साल के अनुभव के बाद यह वेतन लाख रुपए तक पहुँच जाता है. वेतन का स्तर कंपनी के आकार और उसके कार्यक्षेत्र पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.