यूपी से ही बनेगा देश का अगला प्रधानमंत्री, आखिर क्या है अखिलेश यादव का इशारा!
By स्वाति सिंह | Published: January 12, 2019 01:31 PM2019-01-12T13:31:46+5:302019-01-12T13:31:46+5:30
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश में गठबंधन का ऐलान किया ।
यूपी में सीटों का फार्मूला तय हो गया है। शनिवार को बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश से पूछा गया किक्या वह प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती का समर्थन करेंगे? इसपर अखिलेश ने कहा 'आपको पता है कि मैं किसको सपोर्ट करूंगा।'
उन्होंने आगे कहा 'मैंने पहले भी कहा है और आज फिर कहता हूं कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा प्रधानमंत्री दिया है। हमें खुशी होगी कि उत्तर प्रदेश से फिर एक प्रधानमंत्री बने और मैं इसके लिए कोशिश भी करूंगा।'
Akhilesh Yadav on if he will support Mayawati for PM: You know who is my choice. Uttar Pradesh has given Prime Ministers in the past and trend will be repeated again pic.twitter.com/LzHs9Ijn6e
— ANI (@ANI) January 12, 2019
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश में गठबंधन का ऐलान किया । दोनों ही दल राज्य की 80 संसदीय सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
इस गठबंधन से दोनों ही दलों ने कांग्रेस को अलग रखा लेकिन कहा कि वे अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। इन सीटों का प्रतिनिधित्व क्रमश: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी करती हैं।गठबंधन ने दो अन्य सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ी हैं।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन का ऐलान करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इस गठबंधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ जाएगी। गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के बारे में मायावती ने कहा कि उनके शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई ।
इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह सपा—बसपा का केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि गठबंधन भाजपा के अत्याचार का अंत भी है । 'भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए बसपा और सपा का मिलना बहुत जरूरी था।'