'आपके पास तीन दिन हैं, वरना...', मध्य प्रदेश के आम आदमी ने CM शिवराज को लिखी धमकी भरी चिट्ठी
By स्वाति सिंह | Published: July 8, 2020 02:06 PM2020-07-08T14:06:41+5:302020-07-08T14:14:46+5:30
बालचंद वर्मा ने यह भी कहा कि अगर उसे कैबिनेट में रखा जाता है तो उसे मंत्रियों को मिलने वाले वेतन में भी दिलचस्पी नहीं है। उसने लिखा है कि अगर उसे मंत्री पद नहीं दिया जाता है तो कैबिनेट से उन 14 मंत्रियों को भी निकाला जाए।
भोपाल: मध्य प्रदेश में एक शख्स ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की कैबिनेट में मंत्री का पद मांगा है। इसके साथ ही उसने यह भी मांग रखी है कि मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के उन 14 मंत्रियों को बाहर निकालें, जो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। दरअसल, एमपी के रहने वाले बालचंद वर्मा नाम के शख्स ने मुख्यमंत्री के सामने यह चिट्ठी लिखकर मांग रखी है। उसने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि ऐसे बहुत से लोगों को मंत्री बनाया गया है, जो विधानसभा में विधायक नहीं है, ऐसे में उसे भी मंत्री का पद दिया जाए।
शख्स ने चिट्ठी में लिखा, 'हाल ही में हुए कैबिनेट के विस्तार में ऐसे 14 लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है, जो वर्तमान विधानसभा के सदस्य भी नहीं हैं और आम नागरिक हैं। इसके पहले आपके 2013 और 2018 के मुख्यमंत्री काल में ऐसे पांच लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था, जो विधायक नहीं थे।' इस तर्क के साथ वर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उसे यह चिट्ठी मिलने के तीन दिनों के भीतर कैबिनेट मंत्री का पद देने और कोई पोर्टफोलियो असाइन करने का आग्रह किया है।
बालचंद वर्मा ने यह भी कहा कि अगर उसे कैबिनेट में रखा जाता है तो उसे मंत्रियों को मिलने वाले वेतन में भी दिलचस्पी नहीं है। उसने लिखा है कि अगर उसे मंत्री पद नहीं दिया जाता है तो कैबिनेट से उन 14 मंत्रियों को भी निकाला जाए। इसके साथ ही उसने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर उसकी दोनों में से एक भी शर्त नहीं मानी गई तो आगे कुछ बुरा हुआ तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री खुद होंगे।
बता दें कि मध्य प्रदेश में बृहस्पतिवार को चौहान ने मंत्रिपरिषद का विस्तार कर 28 मंत्रियों को शामिल किया है। 2 जुलाई कोई ही भोपाल के राजभवन में गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने 28 मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई है।
इन नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। सिंधिया खेमे के दो मंत्री - तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत - पहले से ही हैं। ये सभी 14 मंत्री वर्तमान में विधायक नहीं हैं।