सोनभद्र नरसंहार को सीएम योगी ने बताया 1955 का बवाल, जानें क्या हुआ था 1955 से 1989 के बीच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 19, 2019 01:54 PM2019-07-19T13:54:14+5:302019-07-19T13:54:14+5:30
सोनभद्र हत्याकांड : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया। वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी।
सोनभद्र हत्याकांड पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुये कांग्रेस पर आरोप लगाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'सोनभद्र की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस भूमि विवाद की वजह से यह संघर्ष हुआ, वह 1955 से चला आ रहा है और राजस्व अदालतों में कई मामले लंबित हैं और दोनों ही गुटों ने आपराधिक मामले भी दाखिल किये हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद पर दस दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए अपर मुख्य सचिव :राजस्व: की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।'
सीएम योगी ने कहा है, 1955 से 1989 तक यह जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में यह जमीन एक शख्स के नाम पर कर दिया गया। आदर्श सोसायटी के नाम जमीन रहने पर भी यहां आदिवासी खेती करते थे और कुछ लगान सोसायटी को देते थे। जिन लोगों ने इस जमीन को अपने नाम किया था, वे इस जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए।'
उन्होंने आगे कहा, '1989 में इसे दूसरे को बेच दिया गया था। वनवासी इस जमीन पर खेती करते रहे। अगर इस पूरे की जड़ तक अगर आप जायेंगे तो आपको पता चलेगा कि 1955 में कांग्रेस की सरकार के दौरान स्थानीय लोगों की जमीन को हड़पने के लिए ग्राम समाज की जमीन को आदर्श सोसायटी के नाम पर दिया गया था। इस जमीन को बाद में 1989 में बिहार के एक आईएएस के नाम पर कर दिया जो गलत था। उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी।'
सीएम योगी ने बताया, बिहार के अधिकारी जब जमीन पर कब्जा नहीं कर पाने तो इस जमीन को साल 2017 में ग्राम प्रधान को बेच दिया। इस मामले कई केस चलते रहे।''
मा. मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी की प्रेस वार्ता। https://t.co/uXFGf36iAd
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 19, 2019
प्रियंका गांधी को प्रशासन ने सोनभद्र जाने से रोका, विरोध में धरने पर बैठी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया। वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी। प्रियंका प्रशासन के इस कदम के विरोध में धरने पर बैठ गईं। वह वाराणसी के अस्पताल में भर्ती सोनभद्र गोलीकांड के घायलों से मुलाकात के बाद जब सोनभद्र रवाना होने लगीं तो प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। इसके विरोध में प्रियंका अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं और उन्हें रोके जाने का लिखित आदेश दिखाने की मांग की।
प्रियंका ने कहा कि वह सोनभद्र में हुई झड़प में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रहीं थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें वहां जाने से रोकने का लिखित आदेश दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ चार लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हैं।
10 आदिवासियों की हुई थी हत्या
सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर बुधवार(17 जुलाई) को हुए खूनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत के सिलसिले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मृतकों को दफनाने को लेकर ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन के बीच कई घंटे तक चला गतिरोध देर रात को समाप्त हो गया। पुलिस ने मामले में हिंसा के मुख्य आरोपी एक ग्राम प्रधान को भी पकड़ लिया। जिसके बाद गिरफ्तार लोगों की संख्या 26 हो गयी है। बुधवार की हिंसा में 18 अन्य घायल भी हो गये। पुलिस ने ग्राम प्रधान के दो भतीजों - गिरिजेश और विमलेश - को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। कुल 61 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें 11 नामजद हैं। इस घटना में जिसकी भी मौत हुई वो सब आदिवासी हैं।