Yes bank news: बैंक में 13 दिन की रोक, यस बैंक की शाखाओं में नहीं दिखे ग्राहक, तेजी थमी, 29 प्रतिशत गिरे शेयर

By भाषा | Published: March 19, 2020 06:36 PM2020-03-19T18:36:57+5:302020-03-19T18:36:57+5:30

निजी क्षेत्र के बैंक की चार शाखाओं--मध्य उपनगरी इलाके और नवी मुंबई-- में जाने पर महज एक या दो ग्राहक दिखे। एक ग्राहक ने कहा, ‘बैंक को लेकर चिंता दूर हो गयी है। हमें पता चल गया है कि बैंक अब बंद नहीं होने जा रहा।

Yes bank news: 13-day stay in the bank, customers not seen in Yes bank branches, fast pause, 29 percent shares fell | Yes bank news: बैंक में 13 दिन की रोक, यस बैंक की शाखाओं में नहीं दिखे ग्राहक, तेजी थमी, 29 प्रतिशत गिरे शेयर

सरकार ने पिछले सप्ताह यस बैंक पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी।

Highlightsबैंक में 13 दिन की रोक के बाद बुधवार शाम छह बजे से ग्राहकों के सारी बैंक सेवाएं शुरू कर दी गयी।यस बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने जमाओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया।

मुंबईःयस बैंक पर रोक हटने के एक दिन बाद बृहस्पिवार को उसकी शाखाओं में सन्नाटा पसरा दिखा। इसका एक मुख्य कारण कोरोना वायरस संक्रमण का भय है।

बैंक में 13 दिन की रोक के बाद बुधवार शाम छह बजे से ग्राहकों के सारी बैंक सेवाएं शुरू कर दी गयी। निजी क्षेत्र के बैंक की चार शाखाओं--मध्य उपनगरी इलाके और नवी मुंबई-- में जाने पर महज एक या दो ग्राहक दिखे। एक ग्राहक ने कहा, ‘बैंक को लेकर चिंता दूर हो गयी है। हमें पता चल गया है कि बैंक अब बंद नहीं होने जा रहा।

एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) जैसे निवेशक के आने से हमें भरोसा मिला है।’ यस बैंक ने बुधवार को कहा कि उसकी सभी बैंक सेवाएं शुरू हो गयी हैं और ग्राहक उसकी पूरी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। निजी क्षेत्र के बैंक के पुनर्गठन योजना के तहत एसबीआई ने सात वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है। आरबीआई ने पांच मार्च 2020 को बैंक पर पाबंदी लगा दी थी। इसमें तीन अप्रैल तक प्रति खाताधारक खाते से 50,000 रुपये तक की निकासी की सीमा शामिल थी। सरकार ने पिछले सप्ताह यस बैंक पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी। 

यस बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने जमाओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया

यस बैंक में बैंकिंग सेवाओं के पूरी तरह बहाल होने के बाद गुरुवार को बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने एक बार फिर जमाकर्ताओं को उनके धन की सुरक्षा के बारे में आश्वासन दिया और कहा कि बैंक के पास पर्याप्त नकदी है। कुमार पुनर्गठित यस बैंक के एमडी और सीईओ के पद पर हैं। यस बैंक की बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह 18 मार्च 2020 को शाम छह बजे फिर से शुरू हुईं और ग्राहक 19 मार्च 2020 से शाखाओं में जाकर पूर्ण सेवाएं पाने में सक्षम हो गए हैं।

कुमार ने एक बयान में कहा, “बैंक के पास पर्याप्त नकदी है और उसे बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।” ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए बैंक की शाखाएं 19 मार्च से 21 मार्च 2020 तक एक घंटे पहले सुबह साढ़े नौ बजे खुलेंगी। बैंक अपने वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों 19 मार्च से 27 मार्च 2020 के दौरान शाम 5.30 बजे तक सेवाएं देगा। कुमार ने कहा, “यस बैंक ने बैंकिंग सेवाओं को बहाल करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त नकदी हो। निकासी के लिए ग्राहकों को जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है और नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है।” 

आरबीआई ने यस बैंक को दी 60,000 करोड़ रुपये की कर्ज सुविधा

रिजर्व बैंक ने यस बैंक को नकदी की समस्या से निपटने को लेकर 60,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा उपलब्ध करायी है। इससे बैंक को जमाकर्ताओं के प्रति दायित्वों को पूरा करने में आसानी होगी। यह आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के सोमवार को कहा था कि यस बैंक से पाबंदी हटने के बाद जरूरत पड़ने पर उसे नकदी उपलब्ध करायी जाएगी। आरबीआई कानून, 1934 की धारा 17 के तहत केंद्रीय बैंक किसी भी बैंक को शेयर कोष और प्रतिभूतियों (अचल संपत्तियों को छोड़कर) को गिरवी रखकर कर्ज के रूप में नकदी की सुविधा उपलब्ध करा सकता है।

सूत्रों के अनुसार आरबीआई के आकलन में पाया गया है कि यस बैंक के सामने नकदी की समस्या हो सकती है लेकिन ऋण शोधन में दिक्कत या ऐसी कोई अन्य कोई समस्या नहीं है। सूत्रों के अनुसार हालांकि यस बैंक को आरबीआई से उधार की सुविधा कुछ शर्तों के साथ है। चूंकि आरबीआई कर्ज के लिए अंतिम आश्रय होता है, ऐसे में शर्त है कि यस बैंक पहले अपनी जरूर पूरा करने के लिए अपने पास तत्काल उपलब्ध नकद संपत्ति का उपयोग करेगा। उसके बाद कमी पड़ने पर रिजर्व बैंक के इस कोष में हाथ लगाएगा।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पांच मार्च को यस बैंक पर विभिन्न प्रकार की पाबंदी लगाते हुए उसके बोर्ड को हटा दिया था और खाताधारकों को उनके खाते में जमा धन से एक माह में 50,000 रुपये से ज्यादा रकम जारी करने पर पाबंदी लगा दी थी। सरकार ने 13 मार्च को पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी। इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में वित्तीय संस्थानों से करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यस बैंक पर लगी सभी पाबंदियां बुधवार, 18 मार्च शाम से हटा ली गयी हैं। 

यस बैंक की तेजी थमी, 29 प्रतिशत गिरे शेयर

यस बैंक के शेयरों में चार सत्रों से जारी तेजी गुरुवार को थम गई और इसके शेयरों में 29 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली। बैंक ने बताया कि उसकी सबसे बड़ी प्रवर्तक मधु कपूर ने बैंक में अपनी पारिवारिक हिस्सेदारी से अतिरिक्त 25 लाख शेयर गिरवी रखे हैं, जिसके बाद उसके शेयरों के भाव गिर गए। बीएसई में यस बैंक के शेयर 25.74 प्रतिशत टूटकर 45.15 रुपये पर आ गए। इसी तरह एनएसई पर यह 29.19 प्रतिशत टूटकर 42.80 रुपये के भाव पर आ गया।

मूडीज द्वारा बैंक की रेटिंग बढ़ाने और एक पुनर्गठन योजना की घोषणा के बाद उसके शेयरों में पिछले चार कारोबारी सत्रों के दौरान जोरदार तेजी आई थी। यस बैंक ने बताया है कि उसके संस्थापक अध्यक्ष अशोक कपूर की विधवा और बैंक की सबसे बड़ी प्रवर्तक मधु कपूर ने बैंक में परिवार की 6.87 प्रतिशत हिस्सेदारी में अतिरिक्त 0.098 प्रतिशत या 25 लाख शेयर गिरवी रखे हैं।

बैंक ने बुधवार शाम को शेयर बाजार को बताया कि कपूर के पास सिर्फ 0.117 प्रतिशत या तीन लाख शेयर हैं, जो गिरवी नहीं रखे गए हैं। इस बीच बैंक ने गुरुवार को बताया कि इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने उसकी रेटिंग को सुधारते हुए उसे ‘वॉच निगेटिव’ (आरडब्ल्यूएन) से ‘वॉच इवॉल्विंग’ (आरडब्ल्यूई) कर दिया है। 

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